मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
दाखिल-खारिज मामलों में गलत रिपोर्टिंग और कार्य में लापरवाही के आरोप में मोतीपुर अंचल के राजस्व कर्मचारी राकेश कुमार पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है. मोतीपुर अंचलाधिकारी ने जिलाधिकारी को उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की अनुशंसा करते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है. रिपोर्ट में अंचलाधिकारी ने कहा है कि राजस्व कर्मचारी राकेश कुमार बेवजह लोगों को कार्यों के लिए दौड़ाते हैं और गलत रिपोर्ट देकर परेशान करते हैं. उनकी यह कार्यशैली कार्य के प्रति उदासीनता और लापरवाही को स्पष्ट रूप से दर्शाती है, जिसके आधार पर उन पर कार्रवाई करने की बात कही गई है.खेसरा नंबर में गड़बड़ी और रकबा को लेकर भ्रामक जानकारी
यह मामला मोतीपुर अंचल अंतर्गत ठीकहां पंचायत के बंजरिया गांव से जुड़ा है. राजस्व कर्मचारी राकेश कुमार को दाखिल-खारिज के एक वाद की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया कि खेसरा संख्या-467 का खतियानी रकबा आठ डिसमिल है और इसमें से 6.75 डिसमिल का दाखिल-खारिज पहले ही हो चुका है. रिपोर्ट के अनुसार, जमाबंदी में इस खेसरा का रकबा अब मात्र 1.25 डिसमिल बचा है, जबकि आवेदक ने 3.75 डिसमिल की मांग की थी.हालांकि, अंचलाधिकारी ने अपने स्तर से जब इस मामले की छानबीन की, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. जांच में पाया गया कि आवेदक ने वास्तव में खेसरा संख्या-478 से आवेदन किया था, जबकि राजस्व कर्मचारी ने गलत तरीके से खेसरा 467 की रिपोर्ट दे दी.
जांच में यह भी सामने आया कि जिस खेसरा (467) की रिपोर्ट दी गई थी, उसका खतियानी रकबा 26 डिसमिल है और इसमें से केवल आठ डिसमिल की ही बिक्री हुई है. इस प्रकार, जमाबंदी पर शेष रकबा 18 डिसमिल बचा हुआ है. इसके विपरीत, राजस्व कर्मचारी ने जमाबंदी पर रकबा 1.25 डिसमिल होने की गलत रिपोर्ट दी थी.अंचलाधिकारी ने इस पूरे मामले को घोर लापरवाही मानते हुए राजस्व कर्मचारी राकेश कुमार पर कठोर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है