मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत ऐसे सभी व्यक्ति जिनका जन्म एक जुलाई 1987 को या उससे पहले हुआ है और जिनका नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में पहले से दर्ज है. उन्हें इस पुनरीक्षण के दौरान अपनी पात्रता साबित करने के लिए किसी भी अतिरिक्त दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाण पत्र, पहचान पत्र या निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी. यह निर्णय पुराने अभिलेखों की उपलब्धता और उन वर्षों में दस्तावेजों की कम उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. यह लाखों पुराने मतदाताओं के लिए प्रक्रिया को अत्यंत सुगम बनाएगा. मतदाताओं के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने और अनावश्यक कागजी कार्रवाई से बचने में मददगार साबित होगा.मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण एक विस्तृत प्रक्रिया है जिसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन, त्रुटिहीन और सटीक बनाना है. ऐसे मतदाता जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले गए हैं. उनके पते और संबंधित विवरण को अद्यतन करना है. मृत व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची से हटाना है.
डुप्लिकेट वोटर को हटाना
एक ही व्यक्ति के नाम की कई प्रविष्टियों को पहचान कर हटाना, पता और अन्य विवरण में सुधार करना है. मतदाताओं के नाम, पते या अन्य व्यक्तिगत विवरण में हुई त्रुटियों को ठीक करना है. इस पुनरीक्षण अभियान का अंतिम लक्ष्य एक ऐसी मतदाता सूची तैयार करना है जो निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों के लिए आधार प्रदान कर सके.
पुनरीक्षण कार्यक्रम की तिथियां
कार्यक्रम की शुरुआत : 25 जून, 2025 से बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) घर-घर जाकर गणना पत्रक वितरित कर रहे हैं.
गणना फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि : 25 जुलाई, 2025 तक भरे हुए गणना फॉर्म बीएलओ को वापस जमा करने होंगे.प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन : एक अगस्त, 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी.
दावे और आपत्तियाँ दर्ज करने की अवधि : एक अगस्त, 2025 से 1 सितंबर, 2025 तक दावे और आपत्तियाँ दर्ज की जा सकेंगी.दावों और आपत्तियों का निस्तारण : 25 सितंबर, 2025 तक दावों और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा.
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन : 30 सितंबर, 2025 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है