माॅडल अस्पताल में दवा के लिए हंगामा
वरीय अधिकारी के पास पहुंचा मामला
मुजफ्फरपुर.
माॅडल अस्पतालाें में दवा उपलब्ध हाेने के बाद भी मरीजाें काे नहीं दी जा रही है. शनिवार को भी ऐसा ही केस सामने आया. मरीज को लिखी गयी दवा ओपीडी में नहीं दी गयी. इसपर उसने हंगामा कर दिया. जब पूरा मामला वरीय अधिकारी के पास पहुंचा तो उन्होंने कर्मी से बात की. और मरीज को फौरन दवा दे दी गयी.काउंटर से लौटा दिया, कहा-दवा ही नहीं
मरीज ने कहा कि काउंटर पर कहते हैं दवा ही नहीं है. वहीं जब वरीय अधिकारी ने हस्तक्षेप किया तो दवा दे दी गयी. आखिर ये कैसे हो जा रहा है. दवा काउंटर पर कर्मचारियों को कहा गया कि गाेदाम में दवा रहती है, लेकिन इसकी सूची दवा काउंटर नहीं रहने से परेशानी हो रही है. इस घटना के बाद सिविल सर्जन डाॅ अजय कुमार की अध्यक्षता में डेटा वैलिडैशन कमेटी की बैठक आयाेजित की गई. इसमें सभी प्रभारियाें काे निर्देशित किया गया है कि जाे भी दवाएं अस्पताल में उपलब्ध हैं, उसकी लिस्ट ओपीडी-इमरजेंसी में रखें.
लिस्ट में जो है, उसी के अनुसार लिखेंगे दवा
लिस्ट के अनुसार कार्यरत डाॅक्टर दवा लिखेंगें, ताकि मरीजाें काे इसका समुचिल लाभ मिल सके. बैठक में यह बात सामने आई थी कि स्टाेर में दवा हाेने के बाद भी ओपीडी में लिस्ट नहीं हाेने से मरीजाें काे कई दवाएं नहीं मिल पाती हैं. इससे कई बार शिकायत मिलती रहती है. इसे दूर करने के लिए सभी ओपीडी में दवाओं की लिस्ट रखना अनिवार्य कर दिया गया है. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अस्पताल में कितने दवा उपलब्ध है, कितना खर्च हुआ, इसका पूरा ब्याेरा भी पारदर्शी तरीके से उपलब्ध रहेगा. जैसे ही काेई दवा की कमी हाेगी, तत्काल उसे डिमांड कर मंगवा लिया जायेगा.
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