जिले में सरकारी और निजी संस्थाओं से संचालित हो रहा कौशल केंद्र कौशल विकास दिवस पर विशेष उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर आज के समय में कौशल विकास युवाओं को स्वरोजगार की राह दिखा रहा है. इससे नौकरी की प्रतिस्पर्धा में थोड़ी कमी आयी है. युवा तीन और छह महीने का प्रशिक्षण लेकर खुद का कारोबार कर रहे हैं. जिले में कौशल विकास के कई केंद्र हैं, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिसमें सरकारी और निजी संस्थाएं शामिल हैं. पिछले दिनों 200 से अधिक महिलाओं को सिलाई और बुनाई और 300 से अधिक किसानों को जैविक खेती और मृदा परीक्षण के लिये प्रशिक्षित किया गया है. इसमें राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में बड़ी भूमिका निभा रहा है. बेला औद्योगिक क्षेत्र में एक बड़ा प्रशिक्षण केंद्र भी खोला जा रहा है, जहां एक ही छत के नीचे एक हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, हार्डवेयर, फूड प्रोसेसिंग, फर्नीचर व फिटिंग, हैंडीक्रॉफ्ट, जेम्स व ज्वेलरी, लेदर टेक्नोलॉजी, बैग निर्माण सहित 40 क्षेत्रों में प्रशिक्षण मिलेगा. इसके अलावा दो दर्जन से अधिक संस्थाएं भी युवकों और युवतियों को प्रशिक्षण दे रहा है. इसके अलावा विभिन्न प्रखंडों और पीएमश्री विद्यालयों में भी छात्र-छात्राओं को विभिन्न तरह के कौशल की शिक्षा दी जा रही है. कौशल केंद्रों के अनुसार इस साल अब तक पांच हजार से अधिक युवाओं को विभिन्न विधाओं में कौशल की ट्रेनिंग दी गयी है. एमएसएमइ मंत्रालय दे रहा स्वरोजगार को बढ़ावा एमएसएमइ मंत्रालय और जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से कई कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जो सीधे उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं. एमएसएमइ द्वारा प्रौद्योगिकी विस्तार केंद्र स्थापित किया जा रहा है. यह केंद्र इरकॉन द्वारा कार्यान्वित किया जायेगा. यह केंद्र स्थानीय उद्योगों को तकनीकी सहायता, व्यवसाय विकास सेवाएं और प्रशिक्षण प्रदान करेगा. यह एक व्यापक केंद्र होगा जो विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण और सहायता कार्यक्रम चलायेगा. वर्तमान में, इसकी स्थापना और संचालन की प्रक्रिया चल रही है. इसका उद्देश्य उद्यमियों और नये स्टार्टअप के लिये उत्सुक युवाओं को उद्योग लगाने की जानकारी देना है.
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