मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
जिले में दाखिल-खारिज और परिमार्जन प्लस से जुड़े मामलों के निष्पादन की गति धीमी होने पर चिंता जतायी गयी है. सरकारी जमीन से जुड़े 72 मामले 90 दिनों से अधिक समय से लंबित है और इसी तरह आम रैयतों के 15 हजार दाखिल-खारिज के मामले भी अटके हुए हैं. परिमार्जन प्लस के तहत जमाबंदी से संबंधित कुल प्राप्त एक लाख 24 हजार आवेदन में से अब तक एक लाख 12 हजार का निपटारा किया गया है. गायघाट अंचल को छोड़कर जिले के अन्य सभी अंचलों की स्थिति ठीक नहीं है. इस धीमी गति को देखते हुए सभी अंचल अधिकारियों और राजस्व अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं. उनसे कहा गया है कि वे परिमार्जन प्लस के तहत आए आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं, ताकि जनता को होने वाली परेशानी को दूर किया जा सके और राजस्व कार्यों में पारदर्शिता लायी जा सके.राजस्व महाअभियान से उम्मीद
16 अगस्त से 20 सितंबर तक चलने वाले राजस्व महाअभियान में डिजिटाइज्ड जमाबंदियों में त्रुटियों में सुधार, छूटी हुई जमाबंदियों को ऑनलाइन करने, उत्तराधिकार नामांतरण और संयुक्त संपत्तियों के बंटवारा नामांतरण के लिए आवेदन लिये जायेंगे. इस दौरान टीम घर-घर जाकर जमाबंदी की प्रति और आवेदन प्रपत्रों का वितरण करेगी. इसके बाद हल्का स्तर पर शिविर लगाकर आवेदन और दस्तावेजों का संकलन किया जायेगा. इसमें एक लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जायेगा. साथ अन्य अलग-अलग संगठनों व संघों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जायेगी. इसे लेकर 10 अगस्त को राजस्व सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में एक बैठक आयोजित की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है