::: सिटीज 2.0 के तहत देश के 18 शहरों में मुजफ्फरपुर का भी हुआ है चयन, मिले है 75 करोड़ रुपये
::: मुजफ्फरपुर में कूड़ा निष्पादन प्रक्रिया को बेहतर बनाने के साथ आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने की है योजना
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है. टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (टीसीई), जिसे भारत सरकार ने हायर किया है, 28 जुलाई को मुजफ्फरपुर पहुंचेगी. यह एजेंसी देश के उन 18 शहरों में से एक मुजफ्फरपुर का दौरा करेगी, जिन्हें ””सिटीज 2.0”” कार्यक्रम के तहत चुना गया है.टीसीई की टीम, जिसमें सॉलिड वेस्ट के एक्सपर्ट शामिल होंगे, शहर में प्रस्तावित कचरा निस्तारण प्लांट की क्षमता की जांच करेगी. वे यह भी देखेंगे कि यह परियोजना आर्थिक रूप से कितनी लाभदायक होगी और कचरा निष्पादन के लिए क्या-क्या आवश्यक कदम उठाने होंगे. मुख्य उद्देश्य मुजफ्फरपुर को पूरी तरह से कचरा-मुक्त बनाना है.
मौजूदा स्थिति और भविष्य की योजना
वर्तमान में मुजफ्फरपुर से प्रतिदिन 200 टन से अधिक कचरा निकलता है. टीसीई की टीम इस बात की जांच करेगी कि इस कचरे का सही ढंग से अलगाव (सेग्रीगेशन) कैसे किया जाये. यह कंसल्टिंग एजेंसी अपनी विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी, जिसके बाद मंत्रालय अपने स्तर पर दिशानिर्देश जारी करेगा.स्मार्ट सिटी योजना के तहत मुजफ्फरपुर को इस परियोजना के लिए 75 करोड़ रुपये मिले हैं, जिसका लक्ष्य ””क्लीन व ग्रीन मुजफ्फरपुर”” बनाना है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना को दिसंबर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
चार दिवसीय दौरा प्रस्तावित, होगी गहन पड़ताल
टीसीई की टीम मुजफ्फरपुर में 28 से 31 जुलाई तक चार दिनों के लिए रहेगी. इस दौरान वे रौतनिया डंपिंग पॉइंट का दौरा करेंगे और शहर में कचरा निष्पादन के लिए उठाये जा रहे विभिन्न कदमों की गहन जांच-पड़ताल और मैनेजमेंट का मूल्यांकन करेंगे. इस दौरे से मुजफ्फरपुर के लिए एक प्रभावी और टिकाऊ कचरा प्रबंधन योजना तैयार करने में मदद मिलने की उम्मीद है.
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