मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर पंचायती राज विभाग के अंतर्गत राज्य में 6394 तकनीकी सहायक के पदों पर चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आई है. कई अभ्यर्थियों ने जिलाधिकारियों को आवेदन देकर आरोप लगाया है कि देश के विभिन्न राज्यों में स्थित विश्वविद्यालयों से फर्जी प्रमाण पत्र प्राप्त कर उम्मीदवार आवेदन कर रहे हैं. इन अभ्यर्थियों का कहना है कि इससे योग्य उम्मीदवारों का चयन प्रभावित होगा, क्योंकि फर्जी प्रमाण पत्र “बैकडेट ” में प्राप्त किए गए हैं और उनमें मनचाहे अंक दर्ज किए गए हैं. शिकायतकर्ताओं ने अलग-अलग राज्यों के 47 विश्वविद्यालयों की सूची भी सौंपी है, जिनमें आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, सिक्किम, मद्रास, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, चुरू, उदयपुर, अलवर और कानपुर जैसे स्थानों के विश्वविद्यालय शामिल हैं. अभ्यर्थियों ने मांग की है कि इन विश्वविद्यालयों से डिग्री प्राप्त करने वाले सभी आवेदकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जाए. उनका कहना है कि उच्च अंकों के कारण इन फर्जी प्रमाण पत्रों वाले अभ्यर्थियों का नाम मेरिट सूची में ऊपर रहेगा, जिससे वास्तविक योग्य उम्मीदवार चयन प्रक्रिया से बाहर हो सकते हैं. शिकायतकर्ताओं ने अपनी पहचान गोपनीय रखी है और पूरे मामले में जांच करते हुए सूची में शामिल विश्वविद्यालयों से डिग्री प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की भागीदारी को रद्द करने की मांग की है. इस गंभीर आरोप के बाद पंचायती राज विभाग को इस नियुक्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है. प्रमाण पत्रों का गहन सत्यापन ही इस फर्जीवाड़े को रोकने और योग्य उम्मीदवारों को उनका हक दिलाने का एकमात्र तरीका है.
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