प्रतिनिधि, कुढ़नी छाजन बम नहर में डूबने से हुई मौत के दूसरे दिन सोमवार को रग्बी फुटबॉल खिलाड़ी ऋषभ कुमार का शव पोस्टमार्टम के बाद उसके तुर्की स्थित घर पहुंचा. इसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया. मां-पिता और दो बहन ऋषभ के शव को देख चीत्कार मारकर रोने लगे. शव देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुट गयी. इकलौते भाई के खोने से बहन रूबी कुमारी व अंकिता कुमारी बार-बार बेहोश होती रही. दोनों भाई की कलाई में राखी बांधने के लिए रक्षाबंधन का इंतजार कर रही थी. राखी भी खरीद रखी थी. उसे याद कर दोनों बहन विलाप करती रही. बहनों के चीत्कार से मौजूद लोगों की आंखें नम हो गयी़ं परिजनों की मानें तो राज्यस्तरीय रग्बी फुटबॉल खिलाड़ी को खेल कोटा पर नौकरी भी होनी तय थी. लेकिन सब कुछ पल में खत्म हो गया. समाजसेवी उमाकांत यादव, नवीन कुमार सहित अन्य लोग परिजनों को संभालने व ढांढ़स बंधाने में जुटे रहे. वहीं गांव के लोग गम में डूबे रहे़
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