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अब पॉल्यूशन को कम करने के लिए हरियाली बढ़ाने पर काम करेगा निगम

The corporation will work on increasing greenery

::: बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने मुजफ्फरपुर और गया जी शहर को विशेष रूप से हरियाली बढ़ाने पर काम करने का निर्देश दिया, विशेष फंड भी मिलेगा

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर और गया जी शहर में वायु प्रदूषण को कम करने और हरियाली बढ़ाने के लिए एक बड़ी पहल की जा रही है. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनकैप) के तहत दोनों शहरों के नगर निगमों को विस्तृत योजना बनाने का निर्देश दिया है. पर्षद के सदस्य सचिव नीरज नारायण ने स्पष्ट किया है कि सिर्फ सड़कों के निर्माण से ही नहीं, बल्कि ”हरित आवरण” बढ़ाकर ही शहरों की हवा को साफ किया जा सकता है. जारी पत्र के अनुसार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एनकैप के तहत प्राप्त होने वाली निधि का उपयोग ”हरियाली विकास” के लिए किया जायेगा. इसमें विशेष रूप से ”मियावाकी/मिनी फॉरेस्ट” का विकास और शहर के प्रमुख ”ट्रैफिक कॉरिडोर” के किनारे हरित पट्टियों का निर्माण शामिल होगा. मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में भी कहा गया है कि पेड़-पौधे धूल कणों को प्रभावी ढंग से सोखते हैं, जिससे वायु प्रदूषण नियंत्रित होता है. पर्षद ने दोनों नगर निगमों को अपने-अपने क्षेत्रों के लिए हरित आवरण वृद्धि की विस्तृत कार्य योजना जल्द से जल्द पर्षद को सौंपने का निर्देश दिया है. साथ ही, यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि योजना के तहत प्राप्त राशि का व्यय नियमों के अनुसार हो और उपयोगिता प्रमाण-पत्र समय पर उपलब्ध कराया जाये. इस पहल को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है ताकि शहरों की आबोहवा बेहतर हो सके और शहरी सौंदर्य में भी निखार आये.

समझे ट्रैफिक कॉरिडोर में हरित पट्टी के विकास का मतलब

प्रमुख ट्रैफिक कॉरिडोर में हरित पट्टी का विकास, वायु प्रदूषण को कम करने, ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने, और शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है. यह न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह शहरों को अधिक आकर्षक और रहने योग्य भी बनाता है. पेड़ और पौधे वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य प्रदूषकों को अवशोषित करते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है. पेड़ और पौधे ध्वनि तरंगों को अवशोषित करते हैं, जिससे शोर का स्तर कम होता है. पेड़ और पौधे छाया प्रदान करते हैं और वाष्पोत्सर्जन के माध्यम से तापमान को कम करते हैं, जिससे शहरी गर्मी कम होती है.

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Devesh Kumar
Devesh Kumar
I am working as a senior reporter at Prabhat Khabar muzaffarpur. My writing focuses on nagar nigam political, social, and current topics.

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