:: बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के सम्मेलन में देश भर के चिकित्सकों ने रखी अपनी राय फोटो वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर अगर किसी को घुटने में तकलीफ है और वह चल-फिर भी नहीं सकता है तो उन्हें मोटी रकम देकर घुटने बदलने की जरूरत नहीं है. छोटा से ऑपरेशन करा कर घुटने में प्लेट लगा कर ठीक कर सकते हैं. यह अधिक महंगा भी नहीं है और 20-25 सालों तक इसमें कोई दिक्कत नहीं आती है. ये बातें बनारस से आये ऑर्थो सर्जन डॉ सैगल ने बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन (बीओए) की ओर से रामदयालु स्थित एक होटल में आयोजित सेमिनार में कही. उन्होंने कहा कि घुटने में प्लेट लगाने के बाद अधिक दवाओं का सेवन भी नहीं करना हैं. हड्डी रोग चिकित्सकों के सम्मेलन का उद्घाटन जल शक्ति मंत्री डॉ राजभूषण चौधरी निषाद, डॉ अनूप अग्रवाल, डॉ नवीन ठक्कर, डॉ राजीव रमण, डॉ उपेंद्र प्रसाद ने दीप प्रज्वलित कर किया. उद्घाटन के बाद पीएमसीएच से आये प्लास्टिक सर्जन डॉ विकास कुमार ने कहा कि अब शरीर के किसी भी अंग का प्लास्टिक सर्जरी किया जा रहा है. यहां तक की अगर किसी की चर्बी भी बढ़ जा रही है तो उसे भी सर्जरी कर कम किया ज रहा है. आंख, नाक, कान और चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी अपने बिहार में ही हो रही है. चार से पांच घंटे की सर्जरी के बाद लोग अपने घर जा रहे हैं. लखनऊ से आये डॉ आनंद स्वरूप ने कहा कि ऑर्थो सर्जरी में अब इतनी बेहतरीन तकनीक आ गई है कि अब ऑर्थो सर्जन को घुटने या अन्य जगहों पर सर्जरी करने में अधिक परेशानी नहीं हो रही है. बदलते तकनीक में अब जहां भी हड्डी में दिक्कतें आती है, वहां सर्जरी कर उसे ठीक किया जा सकता है. पूरी हड्डी की सर्जरी की अब जरूरत नहीं है. अहमदाबाद से आये आइओए के उपाध्यक्ष डॉ. नवीन ठक्कर ने कहा कि एकल ज्वाइंट की सर्जरी करना भी अब आसान हो गया है. ऑर्थो की सर्जरी में जो घुटने या फिर कहीं की भी हड्डी टूटने पर जो प्लेट लगाये जा रहे हैं वह इंडियन रहते हैं. यह हमारे यहां बनते हैं. विदेशों में जो प्लेट बनते है वह अपने यहां के लोगों में ठीक से फिट नहीं बैठते हैं. बनारस के डॉ राजीव रंजन, दिल्ली के डॉ अजीत सहैल, कोलकाता के प्रत्यूष शाही, दिल्ली के डॉ निखिल कुमार ने भी अपनी बातें रखी. बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ उपेंद्र कुमार ने कहा कि बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन (बीओए) की ओर से 28 और 29 जून को हड्डी रोग विशेषज्ञों का दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. उन्होंने बताया कि सम्मेलन का आयोजन बीओए और मुजफ्फरपुर आर्थोपेडिक क्लब के तत्वावधान में हो रहा है. इसमें बनारस, अहमदाबाद, कोलकाता, नई दिल्ली व चंडीगढ़ सहित देश के नामचीन व राज्यभर के प्रसिद्ध आर्थोपेडिक चिकित्सक अपने अनुभव और नवीनतम तकनीकों को साझा कर रहे हैं. इस कार्यक्रम में बिहार सहित देशभर से 200 से 250 प्रतिनिधियों और संकायों के भाग लिया.
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