निजीकरण के विराेध में नौ जुलाई को ग्रामीण बैंक में होगी हड़ताल – निजीकरण के प्रस्ताव से निर्देशक मंडल में कॉरपोरेट सेक्टर का होगा प्रवेश – कॉरपोरेट सेक्टर के आने से बढ़ेगा ब्याज दर, किसानों को ऋण में होगी परेशानी वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : केन्द्र सरकार द्वारा ग्रामीण बैंक में अपनी 34 फीसद हिस्सेदारी आइपीओ के माध्यम से शेयर मार्केट में बेचना चाहती है. इसके लिए प्रायोजक बैंकों को उपयुक्त ग्रामीण बैंक का चयन करने का निर्देश दिया है. साथ ही राज्य सरकार के 15 फीसद शेयर को भी बेंचने के लिए संंबंधित राज्यों से विमर्श कर रही है। इससे ग्रामीण बैंक के निजीकरण का रास्ता खुल जायगा. इस प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ खिलाफ ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन और ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से 9 जुलाई को हड़ताल का नोटिस भारत सरकार, प्रायोजक बैंक, सभी 28 ग्रामीण बैंक और नाबार्ड को भेज दिया है. इस क्रम में ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव डीएन त्रिवेदी ने बताया कि केंद्र सरकार ने ग्रामीण बैंक के चौथे चरण के विलय के बाद एक राज्य एक ग्रामीण बैंक की संरचना के तहत ग्रामीण बैंक का आकार और व्यापार बढ गया है. जिससे सरकार अपनी हिस्सेदारी शेयर मार्केट में बेचना चाहती है. इससे ग्रामीण बैंक के निर्देशक मण्डल में कार्पोरेट सेक्टर का प्रवेश हो जायेगा और ग्रामीण बैंक के स्थापना का उद्देश्य बदल जाएगा. सरकारी आर्थिक कार्यक्रम के तहत किसान, छोटे कारोबारी व मजदूरों को सस्ते ब्याज दर पर ऋण दिए जाने के बजाय ग्रामीण बैंक मुनाफे के लिए अधिक ब्याज दर पर बड़े उद्योगपतियो को ऋण देगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल ग्रामीण बैंक में केंद्र सरकार का 50 फीसद, प्रायोजक बैंक का 35 फीसद तथा राज्य सरकार का 15 फीसद शेयर है.
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