::: मुजफ्फरपुर में बारिश ने सड़कों को बनाया तालाब, जलजमाव और कीचड़ से लोग परेशान
::: लक्ष्मी चौक पूर्व मेयर के आवास वाली सड़क धंसी, खुदाई कर मरम्मत में जुटी निर्माण एजेंसी
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरी
कहने को हम मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी में हैं, लेकिन दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही मॉनसून की बारिश ने शहर को बुरी तरह से प्रभावित किया है. शहर की सड़कें धंस रही हैं. हर तरफ जलजमाव व कीचड़ का आलम है, जिसने ””””स्मार्ट सिटी”””” की हकीकत को उजागर कर दिया है. शहर के प्रमुख मार्गों से लेकर गलियों तक की स्थिति बदतर हो चुकी है, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इससे स्मार्ट सिटी के नाम पर बनायी गयी सड़कों की खराब गुणवत्ता अब सवालों के घेरे में है. शहर के मुख्य मार्गों की हालत सबसे खराब है. स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बनी स्टेशन रोड भी जलजमाव का शिकार है. लक्ष्मी चौक से ब्रह्मपुरा और जूरन छपरा के बीच कई जगहों पर सड़क धंस गयी है. इसी तरह, सरैयागंज टावर से सिकंदरपुर के बीच की सड़क और लक्ष्मी चौक मरीन ड्राइव रोड भी जगह-जगह धंस गयी है. छोटी सरैयागंज नवयुवक ट्रस्ट समिति के पास भी सड़क में बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है. कलेक्ट्रेट परिसर में ही डीटीओ ऑफिस जाने वाली सड़क की हालत इतनी खराब है कि गड्ढों में घुटने तक पानी भर गया है. इससे वाहन चालकों और पैदल यात्रियों दोनों को परेशानी हो रही है.
कीचड़ और जलजमाव से जनजीवन अस्त-व्यस्त
शहर के कई इलाकों में जलजमाव और कीचड़ ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. चांदनी चौक से दीपक ट्रांसपोर्ट प्रसाद गली रोड पर कीचड़ इतना है कि वहां से निकलना लगभग नामुमकिन है. अगर कोई गलती से इस रास्ते से गुजरता है, तो उसे कीचड़ में फंसना तय है. इसके अलावा, शहर के अन्य प्रमुख इलाकों जैसे रामबाग कालाजर अस्पताल रोड, पुरानी गुदरी रोड, बगलामुखी मंदिर रोड, मिठनपुरा दास कॉलोनी, चतुर्भुज स्थान चौक, कालीबाड़ी रोड, सादपुरा पड़ाव पोखर, आनंद नगर और बावन बीघा में भी घुटनों तक पानी जमा है. इन इलाकों में रहने वाले लोगों को घर से बाहर निकलने में भारी परेशानी हो रही है. जलजमाव से बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है.
नगर निगम की लापरवाही पर सवाल
बारिश ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी है. नालों की सही तरीके से सफाई न होने और घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल से यह स्थिति पैदा हुई है. पूर्व मेयर सुरेश कुमार का कहना है कि हर साल बारिश में ऐसी ही स्थिति होती है, लेकिन नगर निगम कोई ठोस कदम नहीं उठाता. स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए गये हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाएं आज भी नदारद हैं. उन्होंने यह सवाल उठाया कि अगर शहर की सड़कें एक हल्की बारिश भी नहीं झेल सकती, तो यह कैसी ””””स्मार्ट सिटी”””” है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है