दीपक-19
मुजफ्फरपुर.
एसयूसीआइ ने मोतीझील स्थित कार्यालय में मार्क्सवादी चिंतक शिवदास घोष के स्मृति दिवस पर झंडोत्तोलन व पुष्प अर्पण कर श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर जिला सचिव अर्जुन कुमार ने कहा कि शोषित-पीड़ित मेहनतकश वर्ग को शोषण से मुक्ति दिलाने के संकल्प के साथ शिवदास घोष ने अपने किशोरावस्था में ही सामाजिक कर्तव्यबोध से प्रेरित होकर क्रांतिकारी संगठन अनुशीलन समिति की सदस्यता ली थी. ब्रिटिश शासन के विरुद्ध संघर्ष करते हुए वह जेल गये. जेल में रहते हुए उन्होंने महसूस किया कि जिस आजादी के लिए देश के छात्र-नौजवान अपनी शहादत दे रहे हैं, वह आजादी गलत नेतृत्व के कारण शोषक पूंजीपति वर्ग के हाथों चली गयी है. जब वह जेल से बाहर आये तो देखा कि भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों का सपना अधूरा रह गया है. इसी विचार से मात्र 18 वर्ष की आयु में एसयूसीआई के निर्माण के पथ पर अग्रसर हुए. मौके पर जिला कमेटी सदस्य काशीनाथ साहनी, नरेश राम, लालबाबू राय, प्रेम कुमार ठाकुर, उमेश महतो, शिवचंद्र पासवान व शिव कुमार ने भी विचार रखेडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है