ग्रामीण क्षेत्रों के बाद शहर के विभिन्न मुहल्लों में जीविका समूह का गठन
उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरग्रामीण क्षेत्रों से शुरू आत्मनिर्भरता की अलख अब शहरी क्षेत्रों में पहुंच रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित रहने वाली जीविका की मुहिम अब शहरी महिलाओं के जीवन में भी नया सवेरा ला रही है. शहरी क्षेत्र की महिलाएं अब खुद के पैरों पर खड़े होने के लिए शृंगार सामग्री की दुकानें, ब्यूटी पार्लर व सिलाई केंद्र जैसी शुरुआत करने वाली है. उन्हें इस राह में जीविका का भरपूर साथ मिल रहा है. पिछले कुछ समय में शहरी क्षेत्रों में 150 से अधिक स्वयंसेवी समूहों का गठन हो चुका है. इन समूहों में जुड़ने वाली महिलाएं केवल घर के कामकाज तक सीमित नहीं रहना चाहतीं, बल्कि अपनी पहचान बनाना चाहती हैं. शहर की महिलाएं अपनी कला व लगन से अच्छी कमाई करना चाह रही हैं. जीविका इस पहल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. इन महिलाओं को न सिर्फ काम शुरू करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है,
कम ब्याज पर स्वरोजगार के लिए मिलेगा ऋण
शहरी क्षेत्र की महिलाओं को ग्रामीण महिलाओं की तरह ही कम ब्याज पर ऋण भी उपलब्ध कराया जायेगा. यह योजना सिर्फ नयी शुरुआत करने वाली महिलाओं के लिये ही नहीं, बल्कि उन महिलाओं के लिए भी वरदान साबित हो रही है, जो पहले से ही छोटे-मोटे काम कर रही हैं. उन्हें भी अपने रोजगार को और बढ़ाने के लिए ऋण दिया जायेगा. अगर कोई महिला घर से ही सिलाई का काम करती है, तो वह अब कर्ज लेकर एक नई सिलाई मशीन खरीद सकती है और अपना काम बढ़ा सकती है. मुजफ्फरपुर का शहरी परिदृश्य अब तेजी से बदल रहा है. यह सिर्फ आर्थिक बदलाव नहीं है, बल्कि सामाजिक बदलाव का भी संकेत है. जीविका की डीपीएम अनीशा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के बाद अब शहरी क्षेत्रों में जीविका का समूह बना कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. इसकी शुरुआत हो चुकी है. विभिन्न मुहल्लों में समूह का गठन किया जा रहा है. इससे कमजोर वर्ग की महिलाओं को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.
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