वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर पूर्व से अपनी लंबित मांगों को लेकर बेल्ट्रॉन के ऑपरेटर 17 जुलाई से बेमियादी हड़ताल पर चले गये. इसका असर सरकारी कार्यालयों में पड़ा. केवल चुनाव कार्य में जिन ऑपरेटरों की डयूटी लगी थी, उन्हें इस हड़ताल से ऑपरेटर संघ द्वारा छूट दी गयी थी. इसके लिए संघ द्वारा पूर्व में ही पत्र जारी किया गया था कि चुनाव संबंधित कार्य बाधित नहीं होगा. राज्यस्तरीय डाटा इंट्री ऑपरेट एकता मंच के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मुकेश शर्मा व प्रदेश महासचिव रघुनंदन कुमार के आवाह्न पर ऑपरेटर हड़ताल में शामिल रहे. प्रखंड स्तर पर सभी कार्यालय जहां बेल्ट्रॉन के ऑपरेटर कार्यरत हैं, वहां कामकाज पूरी तरह ठप रहा. इसका पूरा असर देखने को मिला. क्योंकि अधिकांश काम ऑनलाइन हो चुके हैं. 24 सरकारी कार्यालय में इनकी सेवा है. डीटीओ ऑफिस में सभी काउंटर पर सन्नाटा पसरा था. जहां प्रतिदिन कम से कम दिनभर में ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी ट्रांसफर, टैक्स, फिटनेस आदि काम के लिए पांच सौ से सात सौ लोग आते हैं. गुरुवार को भी कुछ लोग अपने काम से पहुंचे, लेकिन गेट पर तैनात सिपाही ने बता दिया कि ऑपरेटरों की हड़ताल है. यह जानकर अधिकांश लोग गेट से वापस हो गये. वहीं कुछ लोग जिन्हें विश्वास नहीं हुआ तो वे कार्यालय के अंदर आकर काउंटर खाली देखे तब वापस लौटे. इसी तरह अन्य सरकारी कार्यालय में भी आमलोगों का काम प्रभावित रहा. कार्यकारी अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा कि इस हड़ताल से पूर्व कई बार राज्य सरकार को पत्र प्रेषित कर अपनी समस्याओं से भी अवगत कराया गया है लेकिन निराकरण नहीं होने पर यह रास्ता अख्तियार करना पड़ा. गर्दनीबाग में विभिन्न जिलों से कर्मियों की उपस्थिति देखी गयी तथा शांतिपूर्ण तरीके से आज के आयोजन को सफल किया और जारी रखने का आवाह्न किया. राज्य के विभिन्न कार्यालयों में लगभग 22,000 (बाईस हजार) कर्मी पदस्थापित हैं. तथा राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के साथ-साथ विभागीय कार्यों का निष्पादन निष्ठापूर्वक वर्षों से करते आ रहे है. लेकिन सेवा सुरक्षा की व्यवस्था समुचीत नहीं होने के कारण किसी भी क्षण हमारी सेवा वापस कर दी जाती है. इसके बावजुद आज तक हमें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है, सेवा सामायोजन, सेवा वापसी के विरूद्ध अपील का प्रावधान, महंगाई के समानुपाति वेतन वृद्धि, चिकित्सीय भत्ता, परिवहन भत्ता, आवासीय भत्ता, स्थानान्तरण भत्ता, गृह जिला में पदस्थापन एवं जल्द से जल्द सूचना प्रावैधिकी संवर्ग नियमावली का गठन करते हुए बिना शर्त सरकारी सेवक का दर्जा जैसी मुख्य मांगे है. अतः राज्य सरकार को हमारी जायज मांगों पर जल्द से जल्द उचित निर्णय लेना चाहिए. फोटो दीपक
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