Bihar News: बिहार के नालंदा ज़िले के पावापुरी गांव से शुक्रवार को आई घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया. यहां एक ही परिवार के पांच लोगों ने सामूहिक रूप से ज़हर खाकर जान देने की कोशिश की. सभी को गंभीर हालत में विम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों की टीम उनकी जान बचाने में जुटी है. पीड़ितों की पहचान शेखपुरा जिले के रहने वाले धर्मेंद्र कुमार, उनकी पत्नी सोनी कुमारी, दो बेटियों दीपा और अरिका कुमारी और बेटे शिवम कुमार के रूप में हुई है. पूरा परिवार पावापुरी जल मंदिर के सामने किराए पर रह रहा था.
छह महीने से चल रही थी कपड़े की दुकान, कर्ज ने तोड़ी हिम्मत
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक धर्मेंद्र कुमार ने छह महीने पहले कपड़े की एक छोटी सी दुकान शुरू की थी, लेकिन लगातार घाटे ने उनके आर्थिक हालात बदतर कर दिए. बताया जा रहा है कि परिवार पर करीब पांच लाख रुपये का कर्ज चढ़ चुका था, जो अब असहनीय हो गया था. इन्हीं हालातों से परेशान होकर धर्मेंद्र ने कथित तौर पर पूरे परिवार के साथ ज़हर खाने का फैसला किया.
छोटा बेटा बचा मौत के मुंह से, पुलिस की निगरानी में
घटना के समय धर्मेंद्र का छोटा बेटा ज़हर खाने से बच गया. फिलहाल वह पुलिस की देखरेख में है. राजगीर DSP सुनील कुमार, इंस्पेक्टर मनीष भारद्वाज और पावापुरी ओपी प्रभारी मौके पर पहुंचे और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है.
इलाके में मातम, पुलिस और समाज के लिए बड़ा संदेश
इस सामूहिक आत्महत्या के प्रयास ने समाज और व्यवस्था दोनों को झकझोर दिया है. आर्थिक तंगी और कर्ज का बोझ एक परिवार को इस हद तक ले जा सकता है, यह घटना इसका क्रूर उदाहरण है. अब पूरा क्षेत्र शोक में डूबा है और पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है.
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