Bihar: बिहार के नालंदा जिले में थाई मांगुर मछली का अवैध कारोबार तमाम सरकारी रोक और चेतावनियों के बावजूद खुलेआम चल रहा है. केंद्र सरकार और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के स्पष्ट प्रतिबंध के बावजूद यह जहरीली मछली बाजारों में धड़ल्ले से बिक रही है. अब जिला मत्स्य विभाग ने इस पर निर्णायक कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है.
मछली नहीं, जानलेवा है थाई मांगुर
जिला मत्स्य पदाधिकारी शंभु प्रसाद ने स्पष्ट कहा कि थाई मांगुर मछली न केवल अवैध है, बल्कि यह आमजन के स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक बड़ा खतरा बन चुकी है. उन्होंने बताया कि इसके खिलाफ जल्द ही पुलिस के साथ मिलकर व्यापक छापेमारी की जाएगी.
झारखंड और बंगाल से गुपचुप आती है सप्लाई
सूत्रों की मानें तो यह मछली झारखंड और पश्चिम बंगाल से छोटे वाहनों में छिपाकर लाई जा रही है. इसे प्लास्टिक के बक्सों में भरकर स्थानीय बाजारों में देसी मांगुर के नाम पर बेचा जा रहा है. इससे उपभोक्ताओं को भ्रम होता है और वे अनजाने में खतरे को अपने घर ले जाते हैं.
स्थानीय मछलियों को निगल रही है यह प्रजाति
थाई मांगुर मछली की सबसे बड़ी चिंता इसकी आक्रामक प्रकृति है. यह जिस भी जलाशय में जाती है, वहां की स्थानीय मछलियों और अन्य जलीय जीवों को पूरी तरह खत्म कर देती है. कुछ ही महीनों में यह एक तालाब पर कब्जा कर सकती है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन पैदा हो जाता है.
स्वास्थ्य पर मार कैंसर जैसे रोगों का खतरा
चिकित्सकों के अनुसार, थाई मांगुर में लेड और आयरन जैसे खतरनाक धातुएं पाई जाती हैं, जो शरीर में जाकर गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं, विशेषकर कैंसर. जानकारी के अभाव में लोग इसका सेवन कर रहे हैं, जो आने वाले वर्षों में एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट को जन्म दे सकता है.
Also Read: लव मैरिज के छह महीने बाद युवक ने की खुदकुशी, सूचना मिलते ही गर्भवती पत्नी ने खा लिया जहर
पूरे नेटवर्क पर गिरेगी गाज
जिला प्रशासन ने तय किया है कि अब केवल फुटकर विक्रेताओं पर कार्रवाई नहीं होगी, बल्कि पूरे नेटवर्क थोक व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, गोदाम और वितरण चैन को तोड़ा जाएगा. पुलिस और मत्स्य विभाग की संयुक्त टीम हर स्तर पर छापेमारी करेगी. दोषियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज कर सख्त सजा दी जाएगी.