Rajgir Ropeway: बिहार के नालंदा जिला में राजगीर की रत्नागिरी पहाड़ियों की ऊंचाईयों तक पहुंचने वाला प्रसिद्ध रोप-वे इस समय थोड़ी देर के लिए थम गया है. देश और विदेश से हर दिन हजारों सैलानियों को प्राकृतिक सौंदर्य और शांति की ओर ले जाने वाला यह रोप-वे 10 अप्रैल से 14 अप्रैल तक अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. इसकी मेंटेनेंस के लिए इस पर अस्थायी रूप से रोक लगाया गया है.
सुविधा बनी रहे इसके लिए बंदी जरूरी
रोप-वे प्रबंधक दीपक कुमार ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी सभी तकनीकी पहलुओं की जांच और सुधार के लिए यह कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है. जैसे ही मरम्मत पूरी होगी, इसे फिर से सामान्य रूप से खोल दिया जाएगा.
अब वैकल्पिक रास्तों से पहुंच सकेंगे पर्यटक
इस दौरान सैलानी रत्नागिरी की पहाड़ियों तक पहुंचने के लिए पारंपरिक सीढ़ियों या निजी वाहनों का उपयोग कर सकेंगे. प्रशासन ने आवश्यक मार्गदर्शन के लिए स्थानीय स्टाफ को तैनात किया है.
तकनीक और परंपरा का सुंदर संगम
- आधुनिक 8-सीटर केबिन, ऑस्ट्रिया से मंगवाया गया
- 1700 मीटर लंबा ट्रैक, 1000 मीटर की ऊंचाई पर सफर
- 50 फीट ऊंची दोमंजिला बोर्डिंग बिल्डिंग
- ₹120 प्रति व्यक्ति किराया
- 640 किलो तक का वजन प्रति केबिन
पर्यटकों की पसंद बना राजगीर, हर दिन पहुंचते हैं हजारों सैलानी
राजगीर रोप-वे से होकर लोग विश्व शांति स्तूप, बुद्ध स्मारक और पहाड़ी श्रृंखलाओं के मनोरम नज़ारे लेते हैं. यहां का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता न केवल भारत, बल्कि जापान, श्रीलंका और थाईलैंड से आने वाले पर्यटकों को भी खींच लाता है.
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15 अप्रैल से फिर खुलेगा रोमांच का रास्ता
पर्यटन विभाग ने सभी सैलानियों से सहयोग की अपील की है और आश्वस्त किया है कि मेंटेनेंस पूरा होते ही सेवा बहाल कर दी जाएगी. यदि आप भी जल्द ही राजगीर घूमने की योजना बना रहे हैं, तो 15 अप्रैल के बाद का प्लान ज्यादा बेहतर रहेगा.