Rajgir Ropeway: बिहार में मानसून सक्रिय होने के कारण लोग घूमने जाने की प्लानिंग कर रहे हैं. बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में रोपवे के जरिये वादियों का दीदार करना पर्यटकों को खूब पसंद आता है. लेकिन, इस बीच बड़ी खबर आ गई है. राजगीर घूमने जाने की प्लानिंग कर रहे लोगों के लिए पर्यटन विभाग की ओर से खास सूचना दी गई है. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में स्थित आठ सीटर रोपवे को को अगले 10 जुलाई तक बंद रखा जायेगा. यानी कि, आगे के 5 दिनों तक पर्यटक राजगीर में रोपवे के जरिये सवारी नहीं कर सकते हैं. रोपवे पर सवार होकर खूबसूरत वादियों का दीदार नहीं कर पायेंगे.
रोपवे बंद करने की बताई गई वजह
पर्यटन विभाग की ओर से रोपवे को 10 जुलाई तक बंद रखने को लेकर वजह यह बताई गई है कि, रोपवे की तकनीकी जांच मरम्मत और मेंटेनेंस का कार्य सुचारू रूप से किया जाना है, जिसके कारण यह फैसला लिया गया. इस अवधि के दौरान रोपवे का संचालन पूरी तरह से बंद रहेगा. रोपवे प्रबंधक की माने तो, इस दौरान रोपवे की हर लाइन, केबिन, उपकरण, संरचनाओं और ऑपरेशन सिस्टम की व्यापक तकनीकी जांच और निरीक्षण किया जाएगा. बता दें कि, पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए ही यह बेहद जरूर निर्णय लिया गया है. इस अवधि दौरान तमाम तकनीकी गड़बड़ी को दूर कर दिया जाएगा.
तमाम जांच के बाद शुरू होगा संचालन
प्रबंधक की ओर से यह भी बताया गया कि, रोपवे मेंटेनेंस कार्य के दौरान हर केबिन की तकनीकी क्षमता, सुरक्षा लॉक सिस्टम, केबल की मजबूती, पुलियों और कंट्रोल पैनल की जांच की जाएगी. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि इस दौरान इमरजेंसी सिस्टम और बचाव उपकरणों को भी अच्छे से जांच की जाएगी. मेंटेनेंस के बाद भी रोपवे को फिर चालू करने से पहले सुरक्षा मानकों की पुष्टि की जाएगी और सभी तकनीकी रिपोर्ट का परीक्षण करने के बाद पर्यटकों के लिए इसका संचालन शुरू करने को लेकर मंजूरी दे दी जाएगी.
पहाड़ियों तक जाने का प्रमुख साधन
बता दें कि, राजगीर में हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. यहां की शांत खूबसूरत पहाड़ियां लोगों को खूब पसंद आती है. वहीं, रोपवे की बात करें तो, विश्व शांति स्तूप, गृद्धकूट पर्वत और आस-पास के पहाड़ियों तक जाने और सैर करने के लिए यह बेहद खास साधन माना जाता है. ऐसे में समय-समय पर इसकी मरम्मत का भी ख्याल रखा जाता है. हालांकि, कई लोग चलकर भी पहाड़ तक पहुंच जाते हैं. लेकिन, रोपवे का इस्तेमाल करने से समय की काफी बचत होती है. ऐसे में पर्यटन विभाग की ओर से यह बड़ा निर्णय लिया गया है.