ककोलत जलप्रपात में अचानक उफन पर आयी जलधारा
वनकर्मी व केयरटेकर की समझदारी से टला बड़ा हादसापर्यटकों को चेंजिंग रूम की सबसे ऊपरी मंजिल पर सुरक्षित पहुंचाया
पर्यटकों के कपड़े, बैग, चप्पल-जूते आदि सामान तेज बहाव में बहाफ़ोटो- 5 कैप्शन- ककोलत जलप्रपात का रौद्र रूप
प्रतिनिधि, गोविंदपुर.
थाली थाना क्षेत्र के ककोलत जलप्रपात में सोमवार की सुबह लगभग 11 बजे बड़ा हादसा होते-होते टल गया. अचानक झरने के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो गयी. उस वक्त जलप्रपात के कुंड परिसर में लगभग 400 से 450 पर्यटक स्नान कर रहे थे. स्थिति बिगड़ती देख मौजूद वनकर्मी और जलप्रपात के केयरटेकर जमुना पासवान ने सतर्कता दिखायी और वे सभी पर्यटकों को कुंड से बाहर करने लगे. पर्यटकों को बाहर निकालते-निकालते जलधारा इतनी तेज और भयानक हो गयी कि लगभग 300 लोग चेंजिंग रूम के आसपास फंस गये. तेजी से बिगड़ते हालात में केयरटेकर और वनकर्मी ने समझदारी दिखायी और सभी फंसे लोगों को बगल में मौजूद चेंजिंग रूम की सबसे ऊपरी मंजिल पर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. ककोलत जलप्रपात की तेज जलधारा रुकने का नाम नहीं ले रही थी. चारों तरफ अफरा-तफरी और भय का माहौल बन गया. करीब चार घंटे बाद जब झरने का जलस्तर सामान्य हुआ, तब सभी फंसे पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.2014 के बाद ऐसा खतरनाक सैलाब
केयरटेकर जमुना पासवान ने बताया कि साल 2014 के बाद 2025 में पहली बार इतना खतरनाक सैलाब देखा गया है. हालांकि, इस आपदा में किसी प्रकार की जानमाल की क्षति नहीं हुई. हालांकि, कई पर्यटकों के कपड़े, बैग, चप्पल-जूते इत्यादि सामान तेज बहाव में बह गये. स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की तत्परता से एक बड़ी दुर्घटना टल गयी. सैकड़ों पर्यटकों की जान जोखिम में पड़ सकती थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है