पक्षियों का संरक्षण आवश्यक
प्रतिनिधि, नवादा कार्यालय.
इंसान ही एक ऐसा प्राणी है, जो पर्यावरण से भरपूर लाभ लेता है और पर्यावरण को सबसे ज्यादा क्षति पहुंचाता है. सबसे ज्यादा पर्यावरण की रक्षा हमारे पक्षी करते हैं, जिनमें कौआ, चील, गिलहरी, चमगादर का विशेष योगदान है. परंतु, आज हमलोग भौतिक सुख में इनके योगदान को और पर्यावरण की महत्ता को ठेंगा दिखा रहे हैं. पंजाब नैशनल बैंक के पूर्व वरीय प्रबंधक एवं वित्तीय साक्षरता समन्वयक डॉ सुबोध कुमार ने बताया कि हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखने वाले पक्षियों का भी अस्तित्व संकट में है. पर्यावरण को संरक्षित रखने में पंक्षियों का भी बड़ा योगदान है. पक्षी पर्यावरण को हरा-भरा रखने में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. कौआ बीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाकर पौधों की विविधता को बढ़ावा देते हैं.खासकर, पीपल और बरगद के पौधे लगाने में सहयोग करने वाले पक्षियों में कौवा, मैना, बुलबुल, चमगादर, गिलहरी आते हैं. ये सभी पीपल या बरगद के फल को खाते हैं और उनके पेट से ही प्रोसेसिंग चालू हो जाते हैं और उन बीजों को मल के साथ बाहर निकालते हैं, जिससे नये पौधे उगते हैं. इन जीवों के सहयोग से पीपल और बरगद जैसे विशाल पौधे लगते हैं. इन्हीं सारे पौधों से आक्सीजन मिलता है, जो हमें जीवित रखता है. यह प्रकृति की एक अद्भुत प्रकिया है, जिसमें जीव और पौधे एक-दूसरे के साथ जुड़े हैं.
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