प्रतिनिधि, मेसकौर
मेसकौर प्रखंड में कार्यरत सभी डाटा एंट्री ऑपरेटर 11 सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. ऑपरेटर ओंकार कुमार, धर्मेंद्र कुमार आदि ने बताया कि राज्य के हजारों डाटा एंट्री ऑपरेटर हड़ताल पर रहेंगे. बताया कि सरकार किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई करती है तो सामूहिक भूख हड़ताल की जायेगी. ऑपरेटरों ने बताया कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के साथ सरकारी दफ्तरों के डिजिटलाइजेशन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं. मेसकौर प्रखंड के सभी डाटा इंट्री ऑपरेटरों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के कारण प्रखंड भर में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, आरटीपीएस, अंचल कार्यालय, भूमि निबंधन सहित कई आवश्यक सेवाएं बाधित होने की आशंका है. इस हड़ताल को लेकर डाटा इंट्री ऑपरेटर संघ ने पहले ही प्रशासन और सरकार को पत्र भेजकर चेतावनी दी थी कि यदि 15 जुलाई तक उनकी मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं की गयी, तो 17 जुलाई से वे कामकाज ठप कर देंगे. ऑपरेटरों की आठ सूत्री मांगें वर्षों से लंबित हैं, जिसे लेकर वे अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. मंगलवार देर शाम सभी विभागों में कार्यरत ऑपरेटरों की एक ऑनलाइन बैठक हुई, जिसमें सभी ने एकजुट होकर हड़ताल पर जाने का संकल्प दोहराया. हड़ताल के दौरान राज्यस्तरीय संगठन के नेतृत्व में पटना में नियमित धरना-प्रदर्शन भी किया जायेगा. संघ का कहना है कि यह आंदोलन सिर्फ वेतन या नियुक्ति को लेकर नहीं, बल्कि सम्मानजनक कामकाज और स्थायित्व के लिए है. सभी ऑपरेटर इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए आर्थिक, शारीरिक और राजनीतिक रूप से एकजुट हैं. बताते चलें कि प्रखंड में सैकड़ों लोग प्रतिदिन सरकारी सेवाओं के लिए डाटा इंट्री ऑपरेटरों पर निर्भर हैं. ऐसे में हड़ताल लंबी चली, तो आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है