लोगों ने किया याद
प्रतिनिधि, रजौली.
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के रजौली स्थित राज शिवाला सेवा केंद्र में मंगलवार को मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती की 60वीं पुण्यतिथि अत्यंत श्रद्धा और धूमधाम से मनायी गयी. इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. सेवा केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी पूर्णिमा दीदी ने उपस्थित सभी ब्रह्माकुमारी भाई-बहनों को मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती के आध्यात्मिक जीवन और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प दिलाया. पूर्णिमा दीदी ने बताया कि मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती, जिन्हें प्यार से मामा कहकर पुकारा जाता है, वह संगठन की पहली मुख्य प्रशासिका थीं. उन्हें जगत माता के रूप में भी जाना जाता है. दीदी ने मातेश्वरी के गुणों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वे सदा निर्भय, शक्ति स्वरूपा, मातृ स्वरूपा और योग निष्ठा थीं. उनके जीवन में सादगी और परमात्मा से गहरा संबंध झलकता था. सिंध के हैदराबाद में जन्मी मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती को आध्यात्मिकता, त्याग और नारी सशक्तीकरण का प्रतीक माना जाता है. पूर्णिमा दीदी ने भावुक होकर बताया कि 24 जून 1965 को मातेश्वरी जी ने अपने नश्वर देह का त्याग किया था. इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र से जुड़े सैकड़ों भाई-बहन उपस्थित रहे और मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती के अविस्मरणीय योगदान को याद किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है