अल-अखैर इस्लामिक फाइनेंस बैंक से लोन दिलाने के नाम पर करते थे ठगी
फरार साइबर अपराधियों पर भी प्राथमिकी दर्जप्रतिनिधि,
वारिसलीगंज.
जिले के प्रखंडों में कमोबेश साइबर अपराधी अलग-अलग तरीके से ठगी का धंधा करने में संलिप्त है. परंतु, वारिसलीगंज प्रखंड ठगी के मामले में अन्य प्रखंडों को काफी पीछे छोड़कर अव्वल दर्जे का स्थान प्राप्त कर लिया है. यही कारण है कि हिन्दुस्तान का शायद ही कोई परदेस होगा, जहां की पुलिस वारिसलीगंज के विभिन्न गांवों में ठगी के मामले में साइबर अपराधी को गिरफ्तार करने नहीं पहुंची हो. यह भी कहा जा सकता है कि शायद कोई परदेस बचा होगा, जहां की जेल की शोभा वारिसलीगंज के साइबर अपराधी नहीं बढ़ा रहे हैं. इसी तरह के मामले में सोमवार को स्थानीय पुलिस ने पैंगरी गांव के बधार स्थित एक कमरे से पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जबकि पुलिस के आने की भनक लगते ही पांच-छह साइबर अपराधी भागने में सफल रहे. इन साइबर अपराधियों की पहचान पैंगरी निवासी राजेंद्र पासवान के पुत्र दीपक कुमार, राजू सिंह उर्फ राजू राम के पुत्र रंजय सिंह व नीतीश कुमार, नरेश सिंह उर्फ नरेश राम के पुत्र पप्पू राम और देवनंदन राम के पुत्र रवि कुमार के रूप में हुई है.मोबाइल व कस्टमर डाटा जब्तइस बाबत मंगलवार को पकरीबरावां एसडीपीओ महेश कुमार चौधरी ने थाना परिसर में प्रेसवार्ता कर बताया कि साइबर अपराधियों के पास से दो एंड्रॉयड मोबाइल व कस्टमर डाटा जब्त किया गया है. साइबर अपराधियों ने पुलिसिया पूछताछ में बताया कि अल-अखैर इस्लामिक फाइनेंस बैंक से लोन दिलाने के नाम पर भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाकर ठगी करते थे. साइबर ठग के पास से जब्त मोबाइल में भी ठगी करने का ठोस सबूत प्राप्त हुआ है.
10 साइबर फ्रॉड पर प्राथमिकी दर्जगिरफ्तार साइबर अपराधियों की निशानदेही पर फरार होने वाले पांच और साइबर अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. बताया गया कि पुअनि अखिलेश्वर सिंह के लिखित आवेदन पर 10 साइबर अपराधियों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मौके से फरार साइबर अपराधियों को भी आरोपित बनाया गया है. गिरफ्तार साइबर अपराधियों को मंगलवार को जेल भेज दिया गया है. प्रेसवार्ता में थानाध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा व अखिलेश्वर सिंह आदि रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है