नवादा कार्यालय. आयुष्मान कार्ड को लेकर विशेष अभियान चलाया गया. इस दौरान जिले में 26, 27, 28, 29 और 30 मई को लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया. इस दौरान जिले में कुल 40957 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया. वहीं जिले के 14 प्रखंडों में सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड रोह प्रखंड में 4083 और सबसे कम आयुष्मान कार्ड काशीचक प्रखंड में 1440 आयुष्मान कार्ड बनाये गये. इस विशेष अभियान के तहत 70 वर्ष के ऊपर की सभी पुरुष व महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया गया है. इस योजना के तहत लोग 05 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करवा सकेंगे. स्वास्थ्य विभाग से जिले के सभी 14 प्रखंडों में कैंप का आयोजन कर इसका लाभ दिया गया है. इस योजना में पहले 70 उम्र से ज्यादा वाले सीनियर सीटिजन शामिल नहीं होते थे. लेकिन, अब योजना में आयु की सीमा को खत्म कर दिया. इसका मतलब है कि 70 साल से ज्यादा आयु वाले बुजुर्गों का भी इलाज होगा. जिले में 19 लाख 96 हजार 433 लोगों को मिलेगा आयुष्मान का लाभ विभागीय जानकारी के अनुसार, जिले में कुल 19 लाख 96 हज़ार 433 लोगों को आयुष्मान कार्ड का लाभ मिलेगा. विभाग ने बताया कि 7 लाख 30 हज़ार 180 लोगों का आयुष्मान कार्ड पहले बनाया जा चुका है और इस 05 दिनों के विशेष अभियान के दौरान कुल 40957 कार्ड बनाये गये हैं. इसमें कुल 4068 वरिष्ठ नागरिकों इसका लाभ दिया गया है. बाकी बचे लोगों के लिए आने वाले समय में इसका लाभ दिया जायेगा. शिविर में बनाये गये प्रखंडवार आयुष्मान कार्ड की स्थिति प्रखंड का नाम बनाये गये कार्ड की संख्या अकबरपुर 3582 गोविंदपुर 2648 हिसुआ 2111 काशीचक 1440 कौवाकोल 3442 मेसकौर 2100 नारदीगंज 2669 नरहट 2024 नवादा 3269 पकरीबरावां 2778 रजौली 2709 रोह 4083 सिरदला 3636 वारसलीगंज 2676 नवादा सदर प्रखंड के चार कैंपों में कुल 1709 आयुष्मान कार्ड बनाये गये कुल आयुष्मान कार्ड की संख्या- 40957 बीमारियों का होता है फ्री में इलाज इस स्कीम में सभी बड़ी-बड़ी बीमारियां कवर होती है. योजना में 05 लाख रुपये का इंश्योरेंस मिलता है. इसके अलावा देशभर में 29,000 से ज्यादा अस्पतालों में कैशलेस और पेपरलेस हेल्थ सर्विसेज की सुविधा भी मिलती है. आयुष्मान भारत योजना की वेबसाइट के हिसाब से इस योजना में कैंसर, हार्ट डिजीज, किडनी से जुड़ी बीमारियां, कोरोना, मोतियाबिंद, डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया, घुटना और नी रिप्लेसमेंट जैसे गंभीर बीमारियों का इलाज होता है. हालांकि, मोतियाबिंद, सर्जिकल डिलीवरी, और मलेरिया समेत कई बीमारियां का इलाज केवल सरकारी अस्पताल में होती है. इन बीमारियों को प्राइवेट अस्पताल से हटा दिया गया है. इसके अलावा प्रोस्टेट कैंसर, डबल वॉल्व रिप्लेसमेंट, कोरोनरी आर्टरी बाइपास, पल्मोनरी वॉल्व रिप्लेसमेंट, नी और हिप रिप्लेसमेंट, स्कल बेस सर्जरी, टिश्यू एक्सपेंडर, पीडियाट्रिक सर्जरी, रेडिएशन ओंकोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, एंजियोप्लास्टी विद स्टेंट जैसे गंभीर बीमारी की सर्जरी भी किसी अस्पताल में करवा सकते हैं.
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