गोविंदपुर.
प्रखंड की सरकंडा पंचायत के पिपरा गांव में सोमवार को एक अहम पहल के तहत रोशनी जीविका के अंतर्गत नीरा उत्पादन केंद्र का उद्घाटन किया गया. यह कार्यक्रम गोविंदपुर जीविका कार्यालय के तत्वावधान में आयोजित हुआ. बीपीएम निवास शर्मा के दिशा-निर्देशन में शिव चौधरी के आवास पर केंद्र की शुरुआत की गयी. कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और पारंपरिक प्राकृतिक संसाधनों से जुड़ी स्वरोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा देना था. नीरा, जो ताड़ के पेड़ से प्राप्त एक प्राकृतिक पेय है. इसके संग्रहण और प्रसंस्करण के लिए इस केंद्र की स्थापना की गयी है. इस पहल से न केवल ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर स्वच्छ और पोषणयुक्त पेय पदार्थ की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी. इस शुभारंभ अवसर पर सीसी संजीत कुमार, रौशनी जीविका के सीएम सरिता देवी के अलावा ललिता देवी, मनती देवी, किरण देवी सहित सैंकड़ों की संख्या में जीविका दीदियों और ग्रामीणों ने अपनी भागीदारी निभायी व इस नयी शुरुआत पर खुशी जतायी. सीसी संजीत कुमार ने कहा कि यह केंद्र न सिर्फ एक उत्पादन केंद्र होगा, बल्कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण का केंद्र भी बनेगा. नीरा के उत्पादन, भंडारण, और विपणन के जरिये महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी. यह मॉडल पूरे जिले में महिला समूहों के लिए प्रेरणा बनेगा. इस वर्ष का यह तीसरा नीरा केंद्र का उद्घाटन किया गया. इससे पहले गोविंदपुर के डीह पर व बनिया बिगहा पंचायत के कमालपुर में हो चुका है. जीविका के बीपीएम निवास शर्मा ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य केवल आर्थिक लाभ नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य, पोषण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक सकारात्मक पहल है. नीरा उत्पादन एक पारंपरिक तकनीक है, जिसे वैज्ञानिक ढंग से विकसित कर अब सतत आजीविका के मॉडल के रूप में पेश किया जा रहा है. गांव के लोगों ने इस पहल का स्वागत किया और इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया. ग्रामीणों ने उम्मीद जतायी कि इस तरह के कार्यक्रमों से युवाओं और महिलाओं में स्वरोजगार की भावना विकसित होगी और गांव की तस्वीर बदलेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है