रजौली में किसान उत्पादक संगठन की कार्यशाला में महिलाओं के उत्थान पर जोर
प्रतिनिधि, रजौली़
प्रखंड क्षेत्र की चितरकोली पंचायत में हैंड इन हैंड इंडिया और नाबार्ड नवादा के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) की कार्यप्रणाली और संचालन को समझाना तथा ग्रामीण महिलाओं को बांस शिल्प (बंबू क्राफ्ट) के माध्यम से व्यावसायिक रूप से सशक्त बनाना था. कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सुशांत रौशन, अमन श्री फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड रजौली के राहुल कुमार और हैंड इन हैंड इंडिया बिहार-झारखंड के उप महाप्रबंधक रवि रंजन उपस्थित रहे. परियोजना प्रबंधक राजेश कुमार ने आगत अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र और हस्तनिर्मित सामग्रियों से किया. उद्यम समन्वयक पवन कुमार ने स्वागत भाषण दिया, जबकि कार्यक्रम का मंच संचालन रूपेश कुमार ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सुमंत कुमार ने किया.बांस शिल्प के माध्यम से आर्थिक सशक्तीकरण
हैंड इन हैंड इंडिया के उप महाप्रबंधक रवि रंजन ने कार्यक्रम का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए बताया कि इसका लक्ष्य ग्रामीण महिलाओं को समूह बनाकर बांस शिल्प के जरिये आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करना है. राहुल कुमार ने परिचर्चा में बताया कि एफपीओ के माध्यम से महिलाओं को व्यवसाय से जोड़ा जायेगा और उन्हें बाजार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण, समर्थन और बेचने की व्यवस्था भी प्रदान की जायेगी. चितरकोली गांव की महिलाएं अब बांस शिल्प से रोजाना उत्पाद तैयार कर रजौली बाजार में बेच सकेंगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उनके परिवारों के शिक्षा व जीवन स्तर में सुधार आयेगा.नाबार्ड का सहयोग और बाजार पहुंच
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सुशांत रौशन ने महिलाओं की ओर से निर्मित सामग्रियों का बारीकी से निरीक्षण किया और उनकी हुनर की सराहना की. उन्होंने महिलाओं को छोटे-छोटे समूह बनाकर एफपीओ से जुड़ने के लिए प्रेरित किया़ साथ ही यह आश्वासन भी दिया कि नाबार्ड हर कदम पर सहयोग करेगा और हस्तनिर्मित सामग्रियों के लिए बाजार की व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी प्रयास करेगा. उन्होंने हैंड इन हैंड इंडिया के प्रयासों की भी सराहना की.भविष्य के लिए समर्थन
हैंड इन हैंड इंडिया ने भी यह आश्वासन दिया कि संस्था भविष्य में महिलाओं को आर्थिक सहयोग, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करती रहेगी, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सके. यह कार्यशाला डॉ. अभय कुमार (सहायक परियोजना प्रबंधक), सुमंत कुमार सिंह (सहायक प्रबंधक), आनंदी कुमार, संतोष कुमार सुधा, मोबिलाइजर संगीता कुमारी सहित कई लोगों के सहयोग से सफल रही. कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन सुमंत कुमार सिंह ने किया़डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है