नाबालिग लड़की की हत्या में प्रेमी समेत सात आरोपित गिरफ्तार
हिसुआ की नाबालिग रीमा की लाश बेंगलुरु में पाये जाने की घटना का हुआ खुलासालड़की को दो बच्चों के पिता बहला-फुसलाकर बेंगलुरु ले गया और उसी ने की हत्या
प्रेमी ही निकला हत्यारा, दोस्तों के साथ मिलकर शव को ट्रॉली बैग में भरकर लगाया ठिकानाफोटो कैप्शन- गिरफ्तार आरोपित के साथ पुलिस
– घटना स्थल पर नीले रंग का ट्रॉली बैग जिसमें भरकर लाश को लगाया गया था ठिकानाप्रतिनिधि, हिसुआ़
हिसुआ की नाबालिग रीमा कुमारी की लाश बेंगलुरु के बाहरी इलाके सूर्यनगर थाना क्षेत्र के चांदापुरा रेलवे स्टेशन के समीप नीले रंग के ट्रॉली बैग में पाये जाने की घटना का खुलासा हो गया है. प्रभात खबर ने इस खबर को 26 मई को सबसे पहले प्रमुखता से छापा था. रीमा के पिता निर्मल रविदास और हिसुआ पुलिस ने सूर्यनगर थाना जाकर शव की पहचान की और उसके बाद शव का वहीं दाह-संस्कार कर दिया. इधरए पुलिस ने मामला का लगभग उद्भेदन कर दिया है़ इस मामले में प्रेमी दो बच्चों के पिता आशिक कुमार सहित सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपितों में नरहट थाना क्षेत्र के राहुल नगर निवासी जयराम राजवंशी के बेटे आशिक कुमार, राहुल नगर के आशिक के दोस्त रंजीत रविदास के बेटे राजाराम रविदास, प्यारेचंद्र रविदास के बेटे राजू कुमार, सुनील रविदास के बेटे कालू रविदास और मोहन कुमार शामिल हैं. इसके अलावा अकबरपुर थाना क्षेत्र के कुलना गांव निवासी आशिक के फूफा मुकेश कुमार और फुआ इंदु देवी को भी गिरफ्तार किया गया है. शनिवार को सूर्यनगर थाना से एसएचओ इंस्पेक्टर संजीव महाजन और साथ में तीन और पुलिस पहुंची थी. रविवार को बेंगलुरु से आधा दर्जन पुलिस की टीम और पहुंची. पूरी टीम सातों आरोपितों को लेकर रविवार की रात बेंगलुरु सूर्यनगर थाना के लिए रवाना हो गयी.प्रेमी ने गला दबाकर की हत्या
हिसुआ की चितरघट्टी पंचायत के बेलारू गांव की नाबालिग रीमा को दो बच्चों के पिता आशिक कुमार के प्रेम में बहक जाना उसे काफी मंहगा पड़ा. आशिक कुमार उसे कई माह से बहला-फुसला रहा था. 15 मई को रीमा को बहकाकर आशिक उसे ले भागा और 20 मई को उसकी बेरहमी से हत्या कर दी. आशिक रीमा को लेकर बेंगलुरु अपने फूफा-फूफी के आवास पर गया, जहां वह पहले भी रह रहा था. 20 मई को उसने रीमा की गला दबा कर हत्या कर दी. सीने पर चढ़कर उसके गले को बेरहमी से दबाया गया. बेंगलुरु पुलिस के अनुसार, रीमा के शरीर पर कई गहरे चोट व जख्म के निशान थे. उसकी गर्दन की हड्डी टूटी हुई थी. पेट और अन्य स्थानों पर गंभीर चोटें थीं. प्राइवेट पार्ट पर भी जख्म मिले थे. पुलिस की पूछताछ और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इन तथ्यों का खुलासा हुआ. आशिक ने शातिर अपराधी की तरह हत्या को आत्महत्या साबित करने का प्रयास किया. उसने कमरे की खिड़की का शीशा भीतर से तोड़ दिया और उसी रास्ते से कमरे के भीतर आया. इस घटना को अंजाम देने के बाद दोस्तों को बुलाया और उसे आत्महत्या का रूप देने की लिए मनाया. फुआ और फूफा को भी मनाया और सभी मिलकर लाश को ठिकाने लगाने का उपाय निकाले. लाश को ट्रॉली बैग में भरकर फेंकने के बाद आशिक और उसके सभी दोस्त 20 मई की रात को ही कोयम्बटूर से ट्रेन पकड़कर वहां से भाग निकले. वहां से आकर वे हिसआ के नरहट और अकबरपुर थाना क्षेत्र में छुपे हुए थे.मामला दर्ज होने से पहले हो चुकी थी हत्या
रीमा की मां निर्मल रविदास की पत्नी संगीता देवी ने 22 मई को थाने में बच्ची को बहला-फुसलाकर ले जाने का आवेदन दिया था. 23 तारीख को हिसुआ थाने में कांड संख्या 297/25 में केस दर्ज हुआ था. 21 मई को लाश पाये जाने की खबर बेंगलुरु की मीडिया में आ चुकी थी. हिसुआ पुलिस को 24 को जानकारी मिली. हिसुआ पुलिस वहां से फोटो और वीडियो मंगाकर लड़की के पिता और परिजन से पूछताछ की और उसकी पहचान हुई. मां संगीता ने प्राथमिकी में नरहट थाना क्षेत्र के राहुल नगर निवासी जयराम राजवंशी के शादीशुदा बेटे आशिक कुमार उम्र 26 साल पर आरोप लगाया था.आवेदन में लड़की की उम्र 16 साल अंकित है. आवेदन के अनुसार, आशिक कुमार का गांव निवासी कारू मांझी के घर में आना-जाना था. वह पूर्व से लड़की को छेड़छाड़ और मोबाइल से बात किया करता था. आवेदन में उसका मोबाइल नंबर भी अंकित किया गया है. शिकायत के बाद कारू मांझी ने उसे फटकार भी था. 15 तारीख को आशिक कुमार स्कूटी लेकर आया और लड़की को साथ लेकर भाग गया. स्कूटी कारू मांझी के घर के पास ही छोड़ दी. 17 मई को हिसुआ में आशिक कुमार की मां और पत्नी ने आशिक कुमार से बात करायी और लड़की से भी बात हुई. आशिक ने भरोसा दिया कि हम लड़की को लेकर वापस आ रहे हैं, अभी हम बेंगलुरु में हैं. 17 तारीख के बाद कई दिन इंतजार के बाद थाने में आवेदन दिया गया. थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने बताया कि अभी एक-दो और आरोपितों की गिरफ्तारी शेष है. उसके लिए आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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