कौआकोल. प्रखंड के कई स्थानों पर अपने पति की लंबी आयु के लिए महिलाओं ने वट सावित्री की पूजा की. इस अवसर पर सुबह से ही बरगद के पेड़ों के आसपास महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी. सुहागन महिलाओं ने विविध पूजन सामग्री, मौसमी फल व मिष्ठान के साथ पूजा-अर्चना कर अखंड सुहाग की कामना की. वहीं, कथा भी सुनी. कई महिलाओं ने खुद से पूजा पाठ कर वट सावित्री की कथा श्रवण की. महिलाओं ने वट सावित्री व्रत के साथ सोमवारी अमावस्या रहने के कारण बरगद और पीपल वृक्ष की पूजा की. बरगद के नीचे वट सावित्री पूजा करने के बाद महिलाओं ने पीपल वृक्ष की भी पूजा-अर्चना कर परिक्रमा की. वहीं, महिलाओं ने अमर सुहाग की कामना के साथ-साथ परिवार, समाज, गांव और देश के समृद्धि की भी कामनाएं की. ब्रह्मण धर्मेंद्र भूषण पाठक ने बताया कि सनातन धर्म में मान्यता है की वट वृक्ष के जड़ में भगवान ब्रह्मादेव, मध्य भाग में भगवान विष्णु व तनाओं में भगवान शंकर का निवास बताया गया है. वट वृक्ष की पूजा अर्चना करने से तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है