ग्रामीणों ने वाहन को पकड़ा, पर पुलिस के आने से पहले फरार
प्रतिनिधि, पकरीबरावां.
स्थानीय थाना क्षेत्र के कचना मोड़ पर शुक्रवार को एक बार फिर दर्दनाक सड़क हादसा हुआ. नवादा-जमुई स्टेट हाइवे पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने सड़क पार कर रहे एक वृद्ध को रौंद दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. मौके पर अफरा-तफरी मच गयी. स्थानीय समाजसेवी धर्मेंद्र कुमार यादव ने घायल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पकरीबरावां पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद नवादा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. घायल की पहचान लखीसराय जिले के बिल्लो गांव निवासी 60 वर्षीय राजेंद्र महतो के रूप में हुई है. बताया गया कि वे कचना मोड़ पर सड़क पार कर रहे थे, तभी जमुई की दिशा से आ रहे एक अनियंत्रित ट्रक ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया. ट्रक की चपेट में आने से उनका एक पैर बुरी तरह कुचल गया और अन्य गंभीर चोटें भी आयी हैं. उनकी स्थिति चिंताजनक बतायी जा रही है. घटना के बाद ट्रक चालक भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मौके पर मौजूद ग्रामीणों की सजगता से ट्रक को मोहनबिगहा के आसपास रोक लिया गया. पुलिस पहुंचती, इससे पहले ही किसी ने वाहन को भगा दिया. थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.कचना मोड़ बना डेंजर जोन
कचना मोड़ पर लगातार हो रहे हादसों ने इसे डेंजर जोन में तब्दील कर दिया है. स्थानीय लोगों की मानें, तो यह इलाका बीते कुछ वर्षों से दुर्घटनाओं का केंद्र बन गया है. वर्ष 2025 की बात करें, तो अब तक महज पांच महीनों में एक दर्जन से अधिक सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई लोगों की जानें जा चुकी हैं और दर्जनों घायल हुए हैं. ट्रक, बस, पिकअप व टोटो जैसे भारी व हल्के वाहनों की टक्कर, पलटना और पैदल यात्रियों को रौंदने जैसी घटनाएं आम हो गयी हैं. कचना मोड़ पेट्रोल पंप से पहले टर्निंग और कचना गांव की ओर जाने वाले घुमावदार रास्ते विशेष रूप से खतरनाक माने जाते हैं. स्थानीय समाजसेवी धर्मेंद्र यादव ने कई बार समय पर घायलों को अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचायी है. समाज में उनकी सक्रियता और तत्परता की सराहना की जा रही है़ लेकिन, इन हादसों से बचाव के लिए प्रशासनिक पहल की सख्त आवश्यकता है.स्थानीय लोग कर रहे स्थायी पुलिस चौकी की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि कचना मोड़ नवादा-जमुई स्टेट हाइवे पर स्थित अतिव्यस्त इलाका है. यहीं से कौआकोल, रोह, रूपौ जैसे क्षेत्रों के लिए भी काफी संख्या में वाहन गुजरते हैं. ऐसे में इस इलाके में स्थायी रूप से पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति होनी चाहिए. साथ ही तेज गति से वाहन चलाने वाले चालकों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए. स्थानीय लोगों की यह भी मांग है कि मोड़ पर यातायात नियंत्रण के लिए ट्रैफिक सिग्नल, चेतावनी संकेतक और सड़क सुरक्षा अवरोधक लगाए जाएं, ताकि आये दिन हो रही घटनाओं पर लगाम लगायी जा सके. प्रशासन अगर समय रहते कदम नहीं उठाता है, तो यह डेंजर जोन भविष्य में और अधिक जानलेवा साबित हो सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है