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बेस कैंप हमला में शामिल दो हार्डकोर नक्सली धराये

नवादा न्यूज : गया एसटीएफ ने अरवल में मजदूरी करते दोनों को दबोचा

नवादा न्यूज : गया एसटीएफ ने अरवल में मजदूरी करते दोनों को दबोचा

प्रतिनिधि, नवादा कार्यालय.

बिहार विशेष कार्य बल के सहयोग से नवादा पुलिस ने वर्षों से फरार चल रहे दो हार्डकोर नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. जानकारी अनुसार, नवादा पुलिस और एसटीएफ को अरवल जिले के थाना परासी क्षेत्र में हार्डकोर नक्सली इंद्रजीत महतो उर्फ पंकज उर्फ पप्पू और संतोष चौधरी के छिपे होने की गुप्त सूचना मिली थी. इसके बाद बिहार एसटीएफ के नेतृत्व में जिला आसूचना इकाई नवादा और सिरदला थानाध्यक्ष मोहन कुमार ने संयुक्त अभियान चला कर मजदूरी करते हार्डकोर नक्सली इंद्रजीत महतो और संतोष चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के बाद दोनों नक्सलियों को गया जिला स्थित एसटीएफ शिविर में पुलिसिया पूछताछ के बाद सिरदला थानाध्यक्ष मोहन कुमार को सौंप दिया गया. वहां से गुरुवार की देर शाम सिरदला पुलिस गिरफ्तार नक्सलियों को लेकर नवादा पहुंचेगी.

तीन नवंबर 2016 को हुआ था हमला

बता दें कि नक्सली इंद्रजीत महतो उर्फ पंकज उर्फ पप्पू और संतोष चौधरी पर नवादा जिले के कई थानों में मामले दर्ज हैं. पुलिस सूत्रों की मानें, तो फिलहाल इंद्रजीत महतो और संतोष चौधरी की गिरफ्तारी सिरदला थाना कांड संख्या 264/16 में की गयी है. तिलैया-कोडरमा रेलखंड पर निर्माणाधीन खरौंध रेलवे स्टेशन के बेस कैंप पर तीन नवंबर 2016 को लेवी की मांग पूरी नहीं करने पर नक्सलियों ने हमला कर गोलीबारी की थी. ठेकेदारों और मजदूरों के साथ मारपीट कर कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था. इसके बाद पुलिस ने 63 माओवादियों को नामजद करते हुए सिरदला थाना में प्राथमिकी दर्ज की थी.

दोनों अरवल के रहने वाले

बता दें कि गिरफ्तार नक्सली इंद्रजीत महतो उर्फ पंकज उर्फ पप्पू अरवल जिले के रामपुर चौरम थाना क्षेत्र के रामलखन बिगहा निवासी सकलदीप महतो का पुत्र है, जबकि संतोष चौधरी भी अरवल जिले के ही परासी थाना क्षेत्र के परशुरामपुर निवासी जूखी चौधरी का पुत्र है. दोनों नक्सली कांड दर्ज होने के बाद से फरार चल रहा था. दोनों को गुप्त सूचना के आधार पर परासी गांव में मजदूरी करते एसटीएफ के सहयोग से सिरदला पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

पुलिस सुरक्षा में निर्माण कार्य संपन्न

माओवादी हमले के बाद दहशत में रहे ठेकेदार और मजदूर निर्माण स्थल को अधूरा छोड़ कर पलायन कर गये थे. घटना के बाद मगध डीआइजी और नवादा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विकास वर्मन ने घटनास्थल का दौरा कर निर्माण एजेंसी के संवेदकों को पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन दिया था. उसके बाद दोबारा से निर्माण कार्य को शुरू कराया था. इसके बाद निर्माण स्थल पर एंटी लैंडमाइंस गाड़ी के साथ सैप जवानों की टुकड़ी को तैनात कर खरौंध स्टेशन व रेलवे ट्रैक के लिए बड़े-बड़े पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण हो सका.

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