स्वामी वेदमूर्ति पुरी महाराज बने निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वरसनातन के प्रखर प्रवक्ता हैं स्वामी वेदमूर्ति : महंत रविंद्रपुरी
रजौली में खुशी का माहौलफोटो – महामंडलेश्वर बनने के बाद फूल-मालाओं से सुशोभित वेदमूर्ति जी महाराज
प्रतिनिधि, रजौली.
जिले के रजौली की माटी के लाल व बगलामुखी पीठाधीश्वर स्वामी वेदमूर्ति पुरी महाराज को हरिद्वार में निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है. यह समारोह अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी महाराज की अध्यक्षता में हुआ, जहां संत समाज ने उन्हें तिलक व चादर प्रदान कर इस महत्वपूर्ण पदवी से नवाजा है. चरण पादुका मंदिर में आयोजित गरिमामयी पट्टाभिषेक समारोह में निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रामरतन गिरि, भारत माता मंदिर के महंत महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि, महंत राज गिरि, महंत प्रकाशपुरी, महंत जगदीशानंद समेत कई प्रमुख संतों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी और स्वामी वेदमूर्तिपुरी महाराज को हार्दिक शुभकामनाएं दीं.संत समाज का आशीर्वाद और अपेक्षाएं
इस अवसर पर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने स्वामी वेदमूर्ति पुरी महाराज को एक विद्वान और तपस्वी संत बताया. उन्होंने कहा कि स्वामीजी सनातन धर्म के प्रखर प्रवक्ता हैं, जो विभिन्न टीवी चैनलों पर होने वाली बहसों में सनातन पक्ष को मजबूती से प्रस्तुत करते हैं. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नये महामंडलेश्वर निरंजनी अखाड़े की समृद्ध परंपराओं का पालन करते हुए पूरे विश्व में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करेंगे. महंत रामरतन गिरि महाराज ने भी स्वामी वेदमूर्ति पुरी को बधाई दी और उनसे समाज में ज्ञान और अध्यात्म का प्रचार करने के साथ-साथ युवा वर्ग में धर्म जागरण का आह्वान किया, ताकि नयी पीढ़ी संस्कारित होकर देश की प्रगति में योगदान दे सके.गुरु के प्रति कृतज्ञता और निष्ठा का संकल्प
महामंडलेश्वर स्वामी वेदमूर्ति पुरी महाराज ने अपनी नियुक्ति पर गहरी कृतज्ञता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वे स्वयं को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें महंत रविंद्रपुरी जैसे गुरु का सानिध्य प्राप्त हुआ है. उन्होंने दृढ़ता से कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गयी है, उसका वे पूरी निष्ठा से पालन करेंगे और अखाड़े तथा संत परंपराओं के अनुरूप अखाड़े की उन्नति में अपना अमूल्य योगदान देंगे. इस अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक, कथाव्यास पंडित पवन कृष्ण शास्त्री, भोला शर्मा समेत कई संत व श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे.रजौली में उत्सव और गर्व की लहर
स्वामी वेदमूर्ति पुरी महाराज की यह उपलब्धि उनके पैतृक गांव डीह रजौली में खुशी और गर्व का कारण बनी है. रजौली के स्कूलों में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने वाले स्वामीजी को यह उपाधि मिलने से पूरे क्षेत्र में जश्न का माहौल है. गांव, टोले-मुहल्ले के लोग उनकी सनातन संस्कृति के प्रति अटूट लगाव रखते हैं. उनके परिवार और प्रियजनों में भी इस ऐतिहासिक क्षण को लेकर अपार खुशी है. यह नियुक्ति न केवल स्वामी वेदमूर्ति पुरी महाराज के व्यक्तिगत तप और ज्ञान का परिणाम है, बल्कि यह सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और युवा पीढ़ी में भारतीय संस्कृति और संस्कारों को स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी साबित होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है