नवादा नगर. जिले में सोमवार को सुहागिनों ने अपने पति के दीर्घायु व सुख-समृद्धि के लिए वट वृक्ष की पूजा-अर्चना की. भारतीय संस्कृति के परंपरा अनुसार वट-सावित्री व्रत बेहद महत्वपूर्ण है. यह व्रत जेष्ठ माह की अमावस्या को हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है. कहा जाता है की बरगद के पेड बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास होता है. इनकी पूजा से सभी देवता प्रसन्न होते हैं और मनचाहे वरदान की प्राप्ति होती है. इस उद्देश्य से पूजा के लिए शहर के स्टेशन रोड मंदिर, जीआरपी मंदिर, रेलवे हॉस्पिटल के पास, मिर्जापुर, न्यू एरिया, शिवनगर, गोर्वधन मंदिर, रामनगर, थाना के पास, शोभनाथ मंदिर, बुंदेलखंड, तेली टोला स्थानों पर महिलाओं की विशेष भीड़ देखी गयी. महिलाओं ने वट सावित्री की पूजा की. फिर वट वृक्ष को धागे से लपेटे हुए सात बार वट वृक्ष की परिक्रमा किया. सुहागिन अन्नू ने कहा कि पूजा कर पति के लंबी आयु की कामना की और सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुनी. इस व्रत को करने से महिलाएं आजीवन सुहागन रहती हैं. सिमरन ने कहा कि पूजा के दौरान हम सभी ने सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुनी. यह पर्व पति-पत्नी के बीच प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है. उन्होंने बताया कि इस पूजा में सावित्री व्रत की पूजा में एक वट वृक्ष, बरगद का फल, सावित्री और सत्यवान की मूर्ति या तस्वीर, भिगा हुआ काला चना, कलावा, सफेद कच्चा सूत, रक्षासूत्र, बांस का पंखा, सवा मीटर का कपड़ा, लाल और पीले फूल, मिठाई, बताशा, फल, धूप, दीपक, अगरबत्ती, मिट्टी का दीया, सिंदूर, अक्षत, रोली, सवा मीटर का कपड़ा, पान का पत्ता, सुपारी इतने समान के साथ वट पूजा की. इधर, कुंवारी कन्याएं भी मनचाहा वर पाने के लिए रखी व्रत रखा.
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