Patna High Court: पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाली सड़को के निर्माण और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के मामले पर सुनवाई पटना हाईकोर्ट में 11 जुलाई को होगी. इस मामले में भरत प्रसाद सिंह की तरफ से एक जनहित याचिका दायर की गई थी. चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की.
काम की रफ्तार तेज करने का निर्देश
चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट ने इस रेलवे स्टेशन की दयनीय स्थिति को खुद भी अनुभव किया था. कोर्ट ने एजेंसियों से काम की रफ्तार तेज करने का निर्देश दिया है. बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान इस मामले में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने कोर्ट से जवाब देने के समय बढ़ाने की अपील की थी. कोर्ट को बताया गया था कि पश्चिम की तरफ से गोला रोड में काम चल रहा है. साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को वहां काम करने में कुछ कठिनाई हो रही है.
हलफनामा दायर करने का निर्देश
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें अगली सुनवाई में हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था. उस वक्त कोर्ट को बताया गया था कि पूर्व की ओर से दीघा आशियाना रोड और दीघा एम्स एलिवेटेड रोड को पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन से जोड़ने की योजना अभी विचार के लिए लंबित है. कोर्ट ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता पीके शाही से अनुरोध किया था कि वे अपने स्तर पर राज्य सरकार को निर्माणाधीन सड़कों को शीघ्र पूरा करने के लिए कहें.
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काम में बाधा बनी बिजली बोर्ड की आपत्ति
केंद्र सरकार ने पटना हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के दौरान गोला रोड के निर्माण में चल रही प्रगति का ब्यौरा दिया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम ने कहा कि पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण कार्य की प्रगति धीमी है. गोला रोड से स्टेशन को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कार्य रुका हुआ है. बिजली बोर्ड की आपत्ति के कारण यह बंद है. साथ ही आशियाना दीघा एलिवेटेड रोड के निर्माण की लागत का ब्यौरा भी कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था. साथ ही यह भी बताया गया था कि प्रगति काफी धीमी है.
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