संवाददाता, पटना बिहार के 20 शहरों को हर मानसून में जलजमाव की त्रासदी नहीं झेलनी पड़ेगी. यह अब बीते दिनों की बात हो जायेगी. नगर विकास एवं आवास विभाग ने जलनिकासी व्यवस्था को आधुनिक और टिकाऊ बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 20 प्रमुख शहरों के लिए 30,185.68 करोड़ रुपये की स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज परियोजनाओं को स्वीकृति दी है. यह योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ””सात निश्चय-2”” कार्यक्रम के तहत लागू हो रही है. इन परियोजनाओं का उद्देश्य मानसून के समय होने वाले जलजमाव से स्थायी छुटकारा दिलाना है. इससे न केवल आम जनजीवन को राहत मिलेगी, बल्कि डेंगू, मलेरिया जैसे जलजनित रोगों पर भी प्रभावी नियंत्रण संभव होगा. नगर विकास एवं आवास विभाग के मुताबिक, वित्तीय 2025-26 में 353.49 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है और चरणबद्ध तरीके से परियोजनाओं को धरातल पर उतारा जायेगा. पटना को लेकर विशेष रणनीति राजधानी पटना के लिए अलग से विस्तृत कार्य योजना बनायी गयी है. यहां कैचमेंट एरिया आधारित ड्रेनेज प्लान तैयार किया गया है, जिसमें सैदपुर नाला और अन्य प्राकृतिक जल स्रोतों को जोड़कर वाटर लॉगिंग की समस्या को तकनीकी रूप से सुलझाया जायेगा. यह पहला मौका होगा जब राज्य सरकार किसी ड्रेनेज प्रोजेक्ट में प्राकृतिक वॉटर बॉडीज और आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक को एकीकृत कर रही है. स्वास्थ्य, यातायात और जीवनस्तर पर होगा सकारात्मक असर विशेषज्ञों के अनुसार, इन योजनाओं के लागू होने से मानसून के दौरान सड़कों पर पानी भरने के मामले में कमी आयेगी, जिससे यातायात की सुगमता, बाजारों की सुलभता और दैनिक जनजीवन में सुधार होगा. साथ ही जलजमाव से उपजने वाली बीमारियों पर अंकुश लगेगा और स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाला बोझ घटेगा.
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