संवाददाता, पटना
बिहार संग्रहालय में प्रसिद्ध कलाकार मिलन दास की पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लगायी गयी है. यह प्रदर्शनी 25 मार्च से मल्टीपर्पस हॉल में लगी हुई है. इसका आखिरी दिन 24 अप्रैल को होगा. कलाकृति में मिलन दास के 1976 से 2025 तक अपनी कला यात्रा को 186 कलाकृतियों के जरिये दर्शाया है. अबतक इनकी 25 पेंटिंग्स अलग-अलग संस्थाओं और कला प्रेमियों ने ली है. इन सभी पेंटिंग्स की कीमत तीन लाख रुपये से लेकर साढ़े बारह लाख रुपये है. हर पेंटिंग अपने आप में खास है.
कलाकार मिलन दास बताते हैं कि संग्रहालय की ओर से जब सीनियर कलाकारों की प्रदर्शनी शुरू करने की योजना बनी थी तो उनसे भी इसमें भाग लेने का कहा गया था. लंबे समय के बाद उन्हें मार्च में अपनी प्रदर्शनी लगाने का मौका मिला. इसके लिए उन्होंने 6 महीने तक अपने सारी कलाओं का संग्रह एक साथ किया. जब पेंटिंग की शुरुआत की तो उन्होंने 1978-1996 तक पिग सीरीज पर काम किया. इस सीरीज के लिए उन्हें स्टेट लेवल, नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर सम्मानित किया गया. इसके बाद उन्होंने गणेशा सीरीज, स्त्री सीरीज, मूड ऑफ नेचर आदि को शामिल किया. इनकी इस प्रदर्शनी में उनके शुरुआत से लेकर अबतक का काम शामिल है. यही वजह है कि उन्होंने अपनी प्रदर्शनी का नाम डिवाइन इमोशन्स रखा.
हर पेंटिंग है खास
इनकी पेंटिंग नारी शक्ति जिसे बनाने में दो महीने का वक्त का लगा वह डेढ़ लाख रुपये में बिक्री हुई है. वहीं पिग सीरीज जिसमें उन्हें स्टेट और नेशनल अवार्ड मिला है इसकी भी बुकिंग की गयी है. माय बुद्धा पेंटिंग में भागवान बुद्ध को दर्शाया गया जिसमें तीन भाषा हिंदी, अंग्रेजी और बंगला में उनके कोट और विचारों को लिखा गया है. नारी शक्ति द्रोपदी पेंटिंग, महादेव, महिला के मानसिक तनाव के साथ मुस्कुराहट को दर्शाती अलग-अलग पेंटिंग्स की बुकिंग की गयी है. सभी पेंटिंग्स की कीमत तीन लाख रुपये से लेकर साढ़े बारह लाख रुपये तक है.
मेरी सारी पेंटिंग्स मेरी बेटियां है
प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरी
मिलन दास ने बताया कि उनकी पेटिंग्स उनकी बेटियां जैसी है जो उनके दिल के बेहद करीब है. संग्रहालय में लगी उनकी पेंटिग्स कई लोगों को पसंद आ रही है. साथ ही जो कला से कद्रदान है वह इन्हें लेने में दिलचस्पी भी दिखा रही है. पहली बार एक प्रदर्शनी में इतनी बड़ी संख्या में पेंटिंग्स बिकी है. वे आगे बताते हैं कि मेरी पेंटिंग्स प्रकृति के रहस्यमय और हमेशा बदलते मूड को पुरानी यादों, कल्पना की उड़ान के घनेपन से दर्शाती हैं. यह प्रकृति के मूड को कभी आलंकारिक रूप में और कभी किसी विशिष्ट स्थिति के आधार पर अमूर्त रूप में दर्शाती है. वह ऐक्रेलिक रंगों के साथ मिश्रित मीडिया में काम करते हैं. वे विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का उपयोग करते हैं जैसे कि कागज़, कॉटन राइस पेपर, केला पेपर और सिल्क राइस पेपर ऑन कॉनकेस, कैनसन पेपर और हस्तनिर्मित कागज. उनकी ज्यादा पेंटिंग में अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला और उड़िया भाषा में मंत्र लिखे हुए हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है