Bihar News: बिहार में औद्योगिक विकास की नई इबारत लिखी जा रही है. राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए विभिन्न जिलों में टेक्सटाइल, लेदर, प्लास्टिक, खाद्य प्रसंस्करण और मशीनरी निर्माण जैसे क्षेत्रों में कुल 644 नई औद्योगिक इकाइयों को मंजूरी दी है. इन इकाइयों पर कुल 37,202 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है और इनके चालू होने पर लगभग 55 हजार युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है.
इनमें से 420 इकाइयों को स्टेज-1 की और 244 इकाइयों को स्टेज-2 की स्वीकृति प्रदान की गई है. स्टेज-1 में उत्पादन से जुड़ी योजना, स्थान, पर्यावरण संबंधी अध्ययन और बाजार रणनीति तैयार की जाती है, जबकि स्टेज-2 में वित्तीय मंजूरी दी जाती है, जिसमें सरकारी अनुदान और कंपनी निवेश की रूपरेखा शामिल होती है.
उद्योगों को मिल रही तकनीकी ताकत
उद्योग विभाग न केवल इकाइयों को मंजूरी दे रहा है, बल्कि उद्योगों को तकनीकी और प्रबंधन सहयोग देने के लिए पांच नए एक्सटेंशन सेंटर की स्थापना की योजना पर भी काम कर रहा है. पटना में एक सेंटर पहले से ही कार्यरत है, जबकि मुजफ्फरपुर, राजगीर, पूर्णिया और सारण में सेंटर जल्द शुरू किए जाएंगे. ये सेंटर विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को सलाह, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता देंगे.
दो वर्षों में 2312 नए उद्योग शुरू
बीते दो वर्षों में बिहार में 2312 छोटे-बड़े उद्योगों की स्थापना हो चुकी है. इनमें खाद्य प्रसंस्करण, जूता, बैग, मसाला, कागज के उत्पाद और कृषि यंत्रों का निर्माण करने वाली इकाइयां शामिल हैं. अकेले वित्तीय वर्ष 2023-24 में 11,552 करोड़ रुपए की लागत से 2,154 यूनिट्स स्थापित हुईं, जबकि 2024-25 में अब तक 2,515 करोड़ रुपए से 157 यूनिट्स शुरू की जा चुकी हैं.
बिहारी उत्पादों को मिला अंतरराष्ट्रीय मंच
हाल ही में पटना में आयोजित अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में सत्तू, मखाना, लीची, आम, चावल और मसालों की वैश्विक मांग ने राज्य की संभावनाओं को और मजबूत किया है. सिंगापुर, यूएई, जापान, जर्मनी सहित 20 देशों के 70 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खरीदारों ने भाग लिया. इस दौरान लीची के निर्यात और शेल्फ लाइफ बढ़ाने को लेकर UAE की लुलु ग्रुप और APEDA के बीच समझौता भी हुआ.
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