संवाददाता, पटना राज्य में साइबर अपराध और डिजिटल साक्ष्यों की तेजी से बढ़ती भूमिका को देखते हुए बिहार सरकार ने साइबर फॉरेंसिक क्षमताओं को सशक्त बनाने की दिशा में कदम तेज कर दिये हैं. गृह विभाग (आरक्षी शाखा) ने स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि राजगीर और पटना में नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू ) के सहयोग से स्थापित होने वाली साइबर फॉरेंसिक लैब की प्रगति की नियमित समीक्षा करते हुए उसे शीघ्र प्रारंभ किया जाए . इसके साथ ही पटना स्थित हिंदी भवन में एनएफएसयू के ट्रांजिट कैंपस की स्थापना प्रक्रिया को भी शीघ्रता से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. विभाग ने संबंधित अधिकारियों को नियमित माॅनीटरिंग करते हुए निर्धारित समय-सीमा के भीतर कार्य प्रारंभ करने को कहा है. वहीं, विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए वर्षों से लंबित पड़े प्रदर्शों पर भी सख्ती बरती जा रही है. गृह विभाग ने ऐसे सभी मामलों की समीक्षा कर एक विस्तृत प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा है. यदि समय पर जानकारी नहीं दी जाती है, तो संबंधित पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगे जाने का भी प्रस्ताव देने को कहा गया है.राजगीर और पटना में स्थापित की जा रही साइबर फॉरेंसिक लैब अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगी. इसका संचालन एनएफएसयू के विशेषज्ञों की निगरानी में किया जायेगा.
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