Bihar Teacher News: बिहार के शिक्षा विभाग में अब शिक्षकों को अपमानित करना अधिकारियों को महंगा पड़ सकता है. अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिला और क्षेत्रीय शिक्षा कार्यालयों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगर किसी शिक्षक से अमर्यादित व्यवहार या रिश्वत की मांग की गई, तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
बेनाम पत्र में दर्द, जिसे ACS ने खुद पढ़ा
बीपीएससी की पहली अध्यापक नियुक्ति परीक्षा (TRE-1) से जुड़े एक शिक्षक ने शिक्षा विभाग को एक भावनात्मक पत्र लिखा. शिक्षक ने अपना नाम उजागर नहीं किया, लेकिन पत्र में जो बातें थीं उन्होंने शिक्षा व्यवस्था की कई परतों को खोलकर रख दिया. उसने लिखा—”डॉ. सिद्धार्थ, आप हमें ‘आप’ कहकर सम्मान देते हैं, लेकिन जिले के शिक्षा कार्यालयों में DEO, DPO और उनके क्लर्क हमें ‘तुम’ कहकर बुलाते हैं, अपमान करते हैं.”
चढ़ावा देने की विवशता और दफ्तरों के चक्कर
शिक्षक ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि शिक्षकों को वेतन, बकाया और सेवा संबंधी जरूरी कार्यों के लिए DEO और DPO के दफ्तर के कई-कई चक्कर लगाने पड़ते हैं. वहीं, कई बार बिना रिश्वत दिए काम नहीं होता. यह अपमानजनक स्थिति किसी भी शिक्षक के आत्मसम्मान के खिलाफ है.
‘शिक्षा की बातः हर शनिवार’ कार्यक्रम में उठा मुद्दा
ACS डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस बेनाम पत्र को ‘शिक्षा की बातः हर शनिवार’ कार्यक्रम में खुद पढ़ा और अधिकारियों को आईना दिखाया. उन्होंने कहा कि पत्र में उठाए गए मुद्दे पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं और अब समय आ गया है कि शिक्षकों को उनके सम्मान के साथ खड़ा किया जाए.
अब होगा सम्मान और जवाबदेही—’आप’ से होगी शुरुआत
सिद्धार्थ ने अपने आदेश में कहा है कि शिक्षकों से ‘आप’ कहकर बात करना सिर्फ भाषा नहीं, व्यवस्था की गरिमा का हिस्सा है. साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि शिक्षकों को अनावश्यक दफ्तरों के चक्कर लगाने से राहत देने के लिए वैकल्पिक डिजिटल व्यवस्था पर ज़ोर दिया जाए.
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नया संदेश, नई शुरुआत
यह निर्णय बिहार के शिक्षक समुदाय के लिए एक बड़ा संदेश है—कि वे सिर्फ कर्मचारी नहीं, बल्कि सम्माननीय राष्ट्र निर्माता हैं. अब हर वो व्यक्ति जो उन्हें ‘तुम’ कहकर अपमानित करेगा या रिश्वत मांगेगा, उसे जवाब देना होगा.