संवाददाता, पटना
बिना मानकों के स्कूल वाहनों का परिचालन करने वाले स्कूलों पर जिला परिवहन कार्यालय ने सख्त रवैया अपनाया है. विभाग के मानकों को नजरअंदाज कर स्कूल वाहनों से बच्चों को विद्यालय से घर या घर से विद्यालय पहुंचाने वाले वाहन पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है. जिला परिवहन अधिकारी उपेंद्र पाल ने इस पर जानकारी देते हुए बताया कि परिवहन कार्यालय की तरफ से शहर के सभी स्कूलों को मेल भेजा जा रहा है, जिसमें अपने स्कूल वाहन जैसे- बस, ऑटो, वैन, मिनीबस समेत अन्य गाड़ियाें की पूरी जानकारी देने का आदेश दिया जा रहा है. जानकारी के लिए बता दें कि राजधानी में सबसे पहले पटन सदर के 425 निजी स्कूलों को नोटिस भेजे जाने की तैयारी कर ली गयी है. उसके बाद जिला में 2100 विद्यालयों को वाहनों की जानकारी के लिए सूचित किया जायेगा. इसके अलावा जिले के 23 प्रखंडों के अनुसार स्कूल बसों का डाटा तैयार किया गया है. इस काम की जिम्मेदारी बाल परिवहन समिति व जिला स्कूल परिवहन समिति को भी दी गयी है. मिली जानकारी के अनुसार कई बार इन समितियों ने इस काम में लापरवाही भी बरती है.एक सप्ताह में करना होगा मेल का रिप्लाइ : डीटीओ
शहर समेत जिले के सभी प्रखंडों में संचालित स्कूलों को अपने-अपने निजी वाहनों में उपयुक्त मानकों की जानकारी परिवहन कार्यालय को साझा करनी होगी. इसके लिए कार्यालय की तरफ से मेल जाने के बाद एक सप्ताह के भीतर मेल का रिप्लाइ देने का अल्टीमेटम भी जारी किया जायेगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो एक सप्ताह के बाद रिमांइडर नहीं तो फिर कार्रवाई भी की जा सकती है.
स्कूल वाहनों में इन मानकों का होना अनिवार्य
-बसों व वाहनों की बॉडी पीले रंग की होनी चाहिए-विद्यालयों का नाम बस की बॉडी पर खिड़की के नीचे सुनहरा भूरा रंग का होना चाहिए-बसाें पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए. – स्पीड गर्वनर लगा होना अनिवार्य है. जिसमें 40 किमी प्रति घंटा रफ्तार निर्धारित किया गया है. -सभी वाहनों में सेफ्टी बॉक्स होना चाहिए-वीएलटीडी या पैनिक बटन भी लगा होना अनिवार्य है-रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप लगा होना चाहिए-फिटनेस प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है-सक्षम प्राधिकार परमिट प्राप्त होना चाहिए-इमरजेंसी एग्जिट का रास्ता समेत 23 नियमों का पालन स्कूल बसों को करना होगाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है