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75 दिनों से अधिक अवधि के दाखिल खारिज मामले का 12 दिनों में निबटारा नहीं करनेवाले सीओ पर गिरेगी गाज

पटना जिले में 75 दिनों की अवधि के दाखिल खारिज मामले का निबटारा नहीं करनेवाले सीओ पर गाज गिरेगी. इस माह के अंत तक तक सभी बैकलॉग को निबटारा करने का समय मिला है

-संपतचक, बिहटा, दीदारगंज, धनरूआ व नौबतपुर अंचल में दाखिल खारिज के मामले का निबटारा बाकी

संवाददाता,पटना

पटना जिले में 75 दिनों की अवधि के दाखिल खारिज मामले का निबटारा नहीं करनेवाले सीओ पर गाज गिरेगी. इस माह के अंत तक तक सभी बैकलॉग को निबटारा करने का समय मिला है. माह की समाप्ति में 12 दिन शेष है. इस अवधि में मामले का निबटारा नहीं होने पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी. जानकारों के अनुसार जिले में 75 दिनों से अधिक समय के दाखिल खारिज के 1700 मामले लंबित है. इसमें सबसे अधिक संपतचक, बिहटा, दीदारगंज, धनरूआ व नौबतपुर अंचल में दाखिल खारिज का निबटारा करना बाकी है. राजस्व मामले की हुई समीक्षा में पांचों अंचल के सीओ को इस माह तक निबटारा करने को लेकर चेतवानी दी गयी थी. इसके बावजूद मामले का निबटारा नहीं होने पर कार्रवाई होने की बात कही गयी थी.संपतचक में 636,बिहटा में 499,दीदारगंज में 156,धनरूआ में 105 व नौबतपुर में 82 दाखिल खारिज के मामले का निबटारा बाकी है.इसके अलावा अन्य अंचलों में लंबित मामले की संख्या कम है.

दाखिल खारिज के 14 हजार मामले लंबित

जिले में दाखिल खारिज के 14 हजार से अधिक मामले लंबित है.दाखिल खारिज के मामले का निबटारा नहीं होने से लोग अंचल कार्यालयों का चक्कर लगाने को मजबूर होते हैं. जबिक दाखिल खारिज के निबटारे के लिए 35 दिनों का समय निर्धारित है.आपत्ति आने की स्थिति में दोनों पक्षों की बात सुन कर 75 दिनों में निबटारा कर देना है. इसके बावजूद दाखिल खारिज के मामले के निबटारे में काफी समय लगने से लोग परेशान होते हैं. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने दाखिल खारिज सहित परिमार्जन प्लस, जमीन की मापी, अतिक्रमण संबंधित केस आद मामले का निबटारा में तेजी लाने का निर्देश दिया. ताकि लोगों को परेशानी नहीं हो. साथ ही निबटारे के दौरान बेवजह आवेदन के रद्द करने में सावधानी बरतने को कहा गया है. अनावश्यक परेशानी से लोग बचे.डिजिटायज्ड जमाबंदी में सुधार व ऑनलाईन अनुपलब्ध जमाबंदी के डिजिटाइजेशन के लंबित मामले को निबटारा करने के लिए कहा गया. ताकि जमाबंदी में सुधार होने से लोगों को आगे की प्रक्रिया में सहूलियत हो सके.

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