Patna, मृणाल कुमार: बिहार और झारखंड की सबसे बड़ी सहकारी संस्था बिस्कोमान में लंबे समय से चल रही कानूनी लड़ाई का फैसला आया है. केंद्र सरकार के सहकारिता विभाग ने बिस्कोमान भवन के नए चेयरमैन की आधिकारिक घोषणा करते हुए विशाल सिंह को अध्यक्ष और महेश राय को वाइस चेयरमैन घोषित किया है. यह फैसला झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आया है, जिसने चुनाव प्रक्रिया पर से रोक हटाने का निर्णय दिया था.
RJD को लगा बड़ा झटका
विशाल सिंह के चेयरमैन चुने जाने से उनके समर्थकों में खुशी की लहर है, वहीं आरजेडी MLC सुनील सिंह के लिए यह फैसला एक बड़ा झटका माना जा रहा है. सुनील सिंह लगभग 21 वर्षों से बिस्कोमान के चेयरमैन पद पर काबिज रहे. इस दौरान उन्होंने पूरे संगठन पर अपने गुट का वर्चस्व कायम रखा. लेकिन इस फैसले के बाद उनका दब-दबा टूट गया है.
झारखंड हाईकोर्ट ने किया रास्ता साफ
झारखंड के रांची हाईकोर्ट के जस्टिस आर. मुखोपाध्याय और जस्टिस अंबुज नाथ के फैसले ने ये स्पष्ट किया था कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट ही सुन सकता है क्योंकि इसमें दो राज्यों (बिहार और झारखंड) के अधिकार क्षेत्र का मुद्दा शामिल है. कोर्ट ने इसी आधार पर रोक हटाई और चुनाव को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी. जिसके बाद चुनाव की प्रक्रिया से विशाल सिंह को नया चेयरमैन चुना गया.
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कौन हैं नए चेयरमैन?
विशाल सिंह बिस्कोमान के संस्थापक तपेश्वर सिंह के पोते है. उनके पिता अजित सिंह 1996 तक नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन (NCCF) के अध्यक्ष रह चुके हैं. विशाल सिंह वर्त्तमान में NCCF के अध्यक्ष हैं और उन्हें दो साल पहले इस पद के लिए चुना गया था. साथ ही विशाल सिंह बिहार कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी हैं और भाजपा सहकारिता प्रकोष्ट में अहम भूमिका निभा रहे हैं. इस बदलाव से सुनील सिंह के साथ साथ आरजेडी को भी झटका लगा है. विशेषज्ञों का मानना है कि बिस्कोमान का यह नया नेतृत्व आने वाले समय में संगठन की दिशा और दशा तय करेगा.
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