संवाददाता, पटना बिहार के अपराधियों के पास एके 47 व इंसास जैसी राइफल पहुंच चुकी है. समस्तीपुर के कुख्यात निलंबित सिपाही सरोज सिंह व उसके साथियों के साथ एके 47 व इंसास जैसे हथियार की बरामदगी के बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि इन लोगों के पास कैसे पहुंच रहा है? साथ ही अपराधियों को यह हथियार आसानी से उपलब्ध हो रहा है और हत्या की घटना को अंजाम देने में इस्तेमाल किया जा रहा है. अगर एसटीएफ को पता नहीं चलता तो सरोज सिंह व उसके सहयोगी समस्तीपुर में प्रिंस मुखिया सहित दो लोगों की हत्या करने में कामयाब हो जाते. एके 47 हथियार सेना व अर्धसैनिक बलों को ही उपयोग करने के लिए दिया जाता है. सरोज सिंह के पास से एके 47 हथियारों की बरामदगी की यह पहली घटना नहीं है. इसके पूर्व भी बिहार में अलग-अलग जगहों से अपराधियों के पास से एके 47 राइफल बरामद की जा चुकी है,लेकिन यह हथियार किस माध्यम से बिहार के अपराधियों तक पहुंच रहे हैं. इसकी जड़ को खत्म नहीं किया जा सका है. खास कर उत्तर बिहार के गैंगस्टर के पास काफी पहले से ही एके 47 राइफल रही है और इस हथियार से एक दर्जन से अधिक हत्या की घटना हो चुकी है. पटना के अपराधियों के पास भी एके 47 राइफल रही है, लेकिन इसे बरामद करने और इसके नेटवर्क को ध्वस्त करने में पुलिस जुटी हुई है. मुजफ्फरपुर में पूर्व मेयर समीर सिंह की हत्या, दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या, पटना के कच्ची दरगाह में लोजपा नेता बृजनाथी सिंह की हत्या, पूर्व डिप्टी मेयर के पति दीना गोप की हत्या आदि मामलों में एके 47 राइफल का इस्तेमाल किया गया. पटना में बृजनाथी सिंह व दीना गोप की हत्या में इस्तेमाल की गयी एके 47 बरामद नहीं की जा सकी है. एसटीएफ सूत्रों के अनुसार, सरोज सिंह के पास से बरामद एके 47 हथियार उसी इलाके के दियारा क्षेत्र के एक अपराधी के पास से लिया गया है. मुंगेर से बरामद किये गये थे एक दर्जन से अधिक एके 47 मुंगेर से एक दर्जन से अधिक एके 47 राइफल बरामद किये गये थे. इस मामले में तीन दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इसमें यह सामने आया था कि 2018 में जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से 65 एके 47 राइफल गायब किये गये थे. मुंगेर में पुलिस ने उस समय इमरान को पकड़ा था. उसके बैग से तीन एके 47 राइफल, 30 मैगजीन, एके 47 के सात पिस्टन, सात स्प्रिंग, सात बॉडी कवर, सात पिस्तौल व अन्य सामान बरामद किये गये थे. नागालैंड व मुंगेर से एके 47 के हथियारों की सप्लाइ होने की मिली जानकारी : अभी तक पुलिस ने जितनी भी एके 47 हथियारों की बरामदगी की है. उसमें यह बात सामने आयी है कि नागालैंड, असम या फिर मुंगेर से ही एके 47 हथियारों की सप्लाइ की गयी थी. एके 47 के पार्ट-पुर्जे छिपा कर लाये जाते हैं और बिहार में ही असेंबल कर लिये जाते हैं, लेकिन इस नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त नहीं किया जा सका है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है