संवाददाता,पटनाआय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में बंद आइएएस संजीव हंस की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं.प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की छापेमारी और जांच के बाद संजीव हंस और उनके सहयोगी रिशू रंजन सिन्हा उर्फ रिशु श्री के खिलाफ विशेष निगरानी इकाई(एसवीयू) ने प्राथमिकी दर्ज की है. उनके खिलाफ एसवीयू की यह दूसरी प्राथमिकी है.इससे पहले इडी की अनुशंसा पर विशेष निगरानी में संजीव हंस समेत 13 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी की दर्ज की थी.
तारणी दास के घर इडी की छापेमारी के बाद सामने आया था रिशुश्री का नाम
एसवीयू के सूत्रों के अनुसार इडी की दूसरी अनुशंसा के बाद संजीव हंस व रिशु के खिलाफ अब एसवीयू ने गुरुवार को नया मुकदमा कायम किया है. सूत्रों के अनुसार रिशु ठेकेदारी के साथ-साथ कार्य विभागों में ठेका मैनेज करता था.बिहार के आइएएस लाबी के साथ-साथ सरकारी विभागों में पकड़ है. पिछले दिनों इडी की टीम ने भवन निर्माण विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता तारणी दास के साथ ही आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी, इस कार्रवाई में पौने तीन करोड रुपए से अधिक नगद बरामद किया गया था.इस मामले की पड़ताल के दौरान भी रिशुश्री का नाम सामने आया था.रिशुश्री, संजीव हंस के लिए लेनदेन में मध्यस्थ की भूमिका निभाता था
इडी को अपनी जांच में यह प्रमाण मिले की रिशु रंजन सिन्हा उर्फ रिशुश्री, संजीव हंस के लिए कंपनियों के बीच होने वाले लेनदेन में मध्यस्थ की भूमिका निभाता था. जांच में पाया गया था कि रिशु श्री के करीब एक दर्जन अधिकारियों से नजदीकी संबंध हैं अधिकतर अधिकारी निर्माण कराने वाले विभाग में है तैनात हैं.कुछ दिन पहले इडी ने प्रमाण मिलने के बाद हंस और रिशु के खिलाफ मुकदमे की अनुशंसा गृह विभाग से की थी
महाधवक्ति कार्यालय की सहमति के बाद दर्ज हुआ एफआइआर
इडी की अनुशंसा के बाद सरकार ने महाधिवक्ता कार्यालय से इस संबंध में मंतव्य मांगा था.महाधिवक्ता कार्यालय की हरी झंडी मिलने के बाद एसवीयू ने संजीव हंस, रिशु श्री और अन्य के खिलाफ नई प्राथमिकी दर्ज की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है