संवाददाता,पटना राज्य में विवाह निबंधन को लेकर जोड़ों के बीच जागरूकता तेजी से बढ़ रही है. मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अनुसार, विशेष विवाह अधिनियम के तहत इस वर्ष जनवरी से अप्रैल तक राज्यभर में कुल 869 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ, जबकि 2821 जोड़ों ने विवाह का पंजीकरण कराकर इसे कानूनी मान्यता दी. पटना जिला इस मामले में सबसे अग्रणी रहा. यहां 2023 से अप्रैल 2025 तक 4138 विवाह संपन्न हुए. कुल 4439 विवाह पंजीकृत किये गये. अन्य जिलों में भोजपुर में 1103, गया में 870, मुजफ्फरपुर में 783 और पश्चिम चंपारण में 672 विवाह पंजीकृत हुए. यह आंकड़ा वर्ष 2023 से अप्रैल 2025 के बीच का है. दो वर्ष में 18 हजार 465 विवाह पंजीकृत : पिछले दो वर्षों में अवर निबंधन कार्यालयों और जिला निबंधन कार्यालयों में विशेष विवाह अधिनियम के तहत 18 हजार 465 विवाह पंजीकृत हुए. इनमें वर्ष 2023 में 9493 और 2024 में 8972 विवाह के पंजीकरण शामिल हैं. इस दौरान कुल 5693 विवाह भी संपन्न कराये गये. क्या है विशेष विवाह अधिनियम, 1954 विवाह निबंधन से न केवल कानूनी मान्यता मिलती है, बल्कि यह जोड़ों के अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है. यह अधिनियम किसी भी धर्म के जोड़ों पर लागू होता है, चाहे वे अंतरधार्मिक विवाह कर रहे हों या नहीं. इसके तहत विवाह के लिए पुरुष की आयु 21 वर्ष और महिला की 18 वर्ष होनी चाहिए. दोनों मानसिक रूप से स्वस्थ होने चाहिए और उनके बीच प्रतिबंधित संबंध नहीं होना चाहिए. विशेष विवाह अधिनियम के तहत प्रतिबंधित रिश्तों की डिग्री के बीच विवाह वर्जित है. यह प्रतिबंध खून के रिश्ते, दत्तक ग्रहण (गोद लिए गए रिश्ते), पूर्ण रक्त (एक ही माता-पिता से जन्में), अर्ध रक्त(एक ही पिता, लेकिन माता अलग) और गर्भ रक्त (एक ही माता, लेकिन पिता अलग) पर लागू होता है. प्रतिबंधित रिश्तों की सूची पुरुष मां, नानी, बेटी, पोती, इत्यादि और महिला पिता, बेटा, पोता, भाई, भतीजा या अन्य नजदीकी रिश्ते में विवाह प्रतिबंधित है. प्रतिबंधित रिश्तों में विवाह सामान्य रूप से अमान्य माना जाता है. विवाह पंजीकरण के लिए जोड़ों की आयु 21 वर्ष होने के साथ उनके पास पहचान प्रमाण, निवास प्रमाण, आयु प्रमाण और विवाह का प्रमाण जैसे जरुरी दस्तावेज होने अनिवार्य हैं. विवाह और पंजीकरण के लिए जोड़े को अपने क्षेत्र के नजदीकी निबंधन कार्यालय में 30 दिन पहले ऑनलाइन या ऑफलाइन रूप में आवेदन करना होगा. विवाह और पंजीकरण के बाद पति या पत्नी के लिए अलग-अलग विवाह प्रमाणपत्र जारी किया जाता है.
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