Shravani Mela, मोनू कुमार मिश्रा: इस बार सावन महीने में पटना जिले का बिहटा क्षेत्र शिवभक्ति के रंग में रंगने वाला है. यहां स्थित प्राचीन बाबा बिहटेश्वरनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने की तैयारी है. माना जाता है कि यह देश के चार चर्तुमुखी शिवलिंगों में से एक है, जहां सिर्फ एक लोटा जल से ही भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं.
श्रद्धा और आस्था की इसी शक्ति को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने इस बार विशेष इंतजाम किए हैं. पुरुष और महिला श्रद्धालुओं के लिए अलग लाइनें, विशेष श्रृंगार, सुरक्षा प्रबंध और सुविधा केंद्रों की व्यवस्था पूरी कर ली गई है. मंदिर के सचिव रत्नेश्वर सिंह ने बताया कि पूरे श्रावण मास में हर सोमवारी, त्रयोदशी और पूर्णिमा को सुबह 3:30 बजे से अर्घ के जरिए जलाभिषेक शुरू होगा, जबकि अन्य दिनों में 4 बजे से बाबा का दर्शन शुरू किया जाएगा.
पौराणिक मान्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा का संगम
यह मंदिर सिर्फ श्रद्धा का नहीं, बल्कि इतिहास और आस्था का जीवंत प्रतीक है. मान्यता है कि महाभारत काल में महाराज वानभट ने इस शिवलिंग की स्थापना पांडवों के अज्ञातवास के समय की थी. बाद में सोन नदी के कटाव से यह शिवलिंग भूमिगत हो गया, और फिर गरीबा राय नामक पुजारी को स्वप्न में संकेत मिलने के बाद इसकी पुनः स्थापना हुई.
मंदिर समिति की ओर से करोड़ों की लागत से नवनिर्माण और जीर्णोद्धार का कार्य जारी है, ताकि श्रद्धालुओं को और बेहतर सुविधा मिल सके. बन देवी मंदिर, माचा स्वामी मंदिर, और बुढ़िया माई मंदिर जैसे अन्य शिवस्थल भी सावन को लेकर आकर्षक रोशनी से सजाए गए हैं.
श्रद्धा के साथ सुरक्षा भी पुख्ता
बिहटा थाना प्रभारी शशि कुमार राणा ने बताया कि मंदिर क्षेत्र में नियमित गश्ती, भीड़ प्रबंधन, और आपातकालीन व्यवस्था पूरी तरह एक्टिव रहेगी. वहीं नगर परिषद सभापति प्रियंका कुमारी ने भरोसा दिलाया कि साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय और भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था नगर परिषद स्तर पर पूरी कर दी गई है.
इस बार सावन में बिहटा बनेगा शिवभक्ति का प्रतीक
श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही बिहटा में माहौल पूरी तरह शिवमय होने वाला है. बाबा बिहटेश्वरनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए हजारों श्रद्धालु हर दिन मंदिर पहुंचेंगे, और शिवलिंग पर जल चढ़ाकर अपने जीवन की मंगल कामनाएं व्यक्त करेंगे.
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