बिहटा. सोन नदी में हो रहे अवैध बालू खनन के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गयी है. मंगलवार को दानापुर एसडीओ दिव्य शक्ति ने सोन नदी में जारी खनन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. यह कदम किसानों की शिकायत और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए उठाया गया है. किसानों ने डीएम चंद्रशेखर सिंह के जनता दरबार में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उनकी रैयती जमीन से जबरन अवैध खनन कराया जा रहा है. उन्होंने जिला खनन पदाधिकारी पर पैसे लेकर खनन माफियाओं को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया है. किसानों का दावा है कि सोन नदी के बीच स्थित तारेगना गांव का संबंध महाभारत कालीन राजा विराट की नगरी से है, जहां अर्जुन ने वृहन्नला रूप में रहकर कौरवों को रोकने के लिए बाण चलाया था. कहा जाता है कि इस इलाके की मिट्टी से आज भी मवेशियों की खुरहा बीमारी ठीक हो जाती है, जो इसे और भी विशिष्ट बनाता है. इस ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व को देखते हुए डीएम ने एसडीओ को जांच का आदेश दिया. एसडीओ दिव्य शक्ति ने मौके पर पहुंचकर किसानों की बात सुनी और खनन पर रोक लगा दी. साथ ही, जिला खनन पदाधिकारी से इसी एरिया की स्पष्ट सीमा की रिपोर्ट मांगी है ताकि आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके. फिलहाल इस कार्रवाई से किसानों और ग्रामीणों में राहत की भावना देखी जा रही है. अब सभी की नजरें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है