E-Challan: इओयू ने बताया कि जालसाज विभिन्न तरीकों से लोगों को निशाना बना रहे हैं. इनमें से सबसे आम तरीका फर्जी एसएमएस लिंक और व्हाट्सएप मैसेज भेजना है. इन मैसेज में दावा किया जाता है कि वाहन मालिक का ई-चालान लंबित है और उसे तुरंत भुगतान करने के लिए एक लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है. जैसे ही कोई व्यक्ति इस लिंक पर क्लिक करता है, उसे एक नकली वेबसाइट पर भेज दिया जाता है जो बिल्कुल आधिकारिक सरकारी वेबसाइट जैसी दिखती है. यहां, उनसे उनकी बैंक डिटेल्स, यूपीआइ पिन या क्रेडिट/डेबिट कार्ड की जानकारी मांगी जाती है, जिसका उपयोग करके जालसाज उनके खाते से पैसे निकाल लेते हैं.
कहां से करें भुगतान
आर्थिक अपराध इकाई ने स्पष्ट किया है कि यातायात पुलिस या परिवहन विभाग कभी भी एसएमएस या व्हाट्सएप के माध्यम से सीधे भुगतान लिंक नहीं भेजते हैं. भुगतान केवल Parivahan.gov.in जैसी आधिकारिक सरकारी वेबसाइटों के माध्यम से ही किया जाना चाहिए.
सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?
साइबर डीएसपी हिमांशु कुमार ने बताया कि यातायात पुलिस या परिवहन विभाग कभी भी एसएमएस या वॉट्सएप पर सीधे भुगतान का लिंक नहीं भेजते. इ-चालान का भुगतान सिर्फ आधिकारिक सरकारी वेबसाइट Parivahan.gov.in पर ही करना चाहिए.
बिहार चुनाव की ताजा खबरों के लिए क्लिक करें
इओयू ने लोगों को इन बातों का ध्यान रखने की सलाह दी है:
किसी भी अनजान एसएमएस या वॉट्सएप लिंक पर क्लिक न करें, खासकर जो ई-चालान के नाम पर आए हों.
अगर आपको कोई ई-चालान मिला है, तो उसकी सच्चाई जानने के लिए हमेशा Parivahan.gov.in पर ही जाएँ या सीधे ट्रैफिक थाने से संपर्क करें.
अपनी व्यक्तिगत या बैंक से जुड़ी जानकारी किसी भी संदिग्ध वेबसाइट या व्यक्ति के साथ साझा न करें.
अगर आप इस तरह के फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें या अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराएं.
इसे भी पढ़ें: Chandan Mishra Patna: एक साल में 6 मर्डर, ऐलान करके हत्या करता था चंदन मिश्रा, जानें पूरी कुंडली