Bihar Cabinet Meeting: बिहार कैबिनेट ने 9970 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले गंगा पथ परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जो कि गंगा नदी के किनारे बसे भागलपुर और मुंगेर में यातायात संपर्क को बेहतर बनाने में मदद करेंगी. पहला गंगा पथ मुंगेर के साफियाबाद से शुरू होगा जो बरियारपुर, घोरघट होते हुए सुल्तानगंज तक बनेगा. वहीं दूसरा गंगा पथ सुल्तानगंज से भागलपुर होकर सबौर तक बनाया जाएगा. इन दोनों ही एक्सप्रेसवे का HAM मॉडल निर्माण किया जाएगा. बता दें कि यह एक तरह का पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल है, जिसमें सरकार और निजी कंपनियां मिलकर हाइवे बनाती है.
गंगा पथ परियोजना को मिली स्वीकृति
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में मुंगेर से सबौर के बीच 83 किमी में गंगा पथ परियोजना की स्वीकृति दी गई है. इस परियोजना पर सरकार 9970 करोड़ रुपये खर्च करेगी. सुल्तानगंज-भागलपुर-सबौर तक लगभग 40 किमी गंगा पथ परियोजना को हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) पर कराने की मंजूरी दी गयी. इसके लिए कैबिनेट से 4849.83 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके अलावा एनएच 31 पर बख्तियारपुर से ताजपुर को जोड़ने वाले गंगा नदी पर निर्माणाधीन 4 लेन पुल और पहुंच पथ परियोजना 1047 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड को खर्च करने की प्रशासनिक मंजूरी दी गई है.
HAM मॉडल क्या है?
मुंगेर और भागलपुर में गंगा पथ परियोजना के लिए खर्च होने वाली राशि पर HAM मॉडल लागू करने की मंजूरी दी गयी. एचएएम मॉडल, जिसे हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल भी कहा जाता है. HAM भारत में सड़क निर्माण परियोजनाओं के लिए एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल है. हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल को केंद्र सरकार साल 2019 में लेकर आई थी. HAM के तहत सरकार और निजी कंपनियां साथ मिलकर हाइवे प्रोजेक्ट का निर्माण करती हैं. कंपनी को सरकारी की ओर से परियोजना के लागत की 40 प्रतिशत राशि निर्माण के दौरान मिलती है. बाकी 60 फीसदी फंड की व्यवस्था कंपनी को खुद व्यवस्था करनी होती है. HAM मॉडल से निजी कंपनियों पर वित्तीय भार कम हो जाता है, जिससे परियोजनाओं के समय पर पूरा होने की संभावना बढ़ जाती है.
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