Gopal Khemka Murder: पटना में कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या मामले में पुलिस की जांच सोमवार को भी जारी है. कई जिलों में एसटीएफ की टीम भी ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि करीब 1 दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस जल्द ही हत्यारों और साजिशकर्ता तक पहुंच जाएगी. वहीं गोपाल खेमका की सुरक्षा क्यों हटायी गयी थी, इसे लेकर भी डीजीपी ने खुलासे किए.
2018 में गोपाल खेमका को दी गयी थी सुरक्षा
गोपाल खेमका की सुरक्षा क्यों हटायी गयी थी. इस सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि 2018 में गोपाल खेमका को अंगरक्षक दिया गया था. डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि उस समय वो सीआइडी में थे. 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की हत्या हुई थी. विनय कुमार ने कहा कि तत्कालीन डीजीपी के साथ वो खुद भी हाजीपुर स्थित घटनास्थल पर भी तब गए थे. तब ही गोपाल खेमका को सिक्युरिटी दी गयी थी.
ALSO READ: गोपाल खेमका मर्डर: पटना में शूटर और लाइनरों ने पहले चाय पी, फिर इन अलग-अलग जगहों पर हुए थे तैनात…
क्यों हटाए गए बॉडीगार्ड, डीजीपी ने बताया
डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि करीब 6 साल तक गोपाल खेमका को सुरक्षा मुहैया करायी गयी. लेकिन अप्रैल 2024 से उन्हें सुरक्षा नहीं दी गयी है. इसकी जांच की जा रही है. सूचना आयी थी कि शायद खुद गोपाल खेमका ने ही इच्छा जाहिर की थी कि उन्हें बॉडीगार्ड की जरूरत नहीं है. हालांकि इसका सत्यापन कराया जा रहा है. डीजीपी ने कहा कि जो सुरक्षा 6 साल तक जारी रही उसे अचानक हटाने की कोई वजह सामने नहीं आती है. लेकिन इसकी जांच भी की जा रही है.
अगर बेवजह हटायी गयी थी सुरक्षा तो नपेंगे अधिकारी
डीजीपी ने कहा कि अगर गोपाल खेमका ने बॉडीगार्ड हटाने की इच्छा जाहिर करने पत्र लिखा था तो उसकी भी खोज की जा रही है. अभी तक ऐसा कुछ नहीं मिला है. लेकिन अगर बिना किसी वजह के उनकी सुरक्षा किसी अधिकारी ने वापस ली होगी तो ऐसे दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई भी की जाएगी.